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Hindi News पैसा बिज़नेस पासपोर्ट, लाइसेंस और परीक्षा के लिए चुकानी हाेेगी ज्‍यादा फीस, सरकार ने यूजर चार्ज बढ़ाने का लिया निर्णय

पासपोर्ट, लाइसेंस और परीक्षा के लिए चुकानी हाेेगी ज्‍यादा फीस, सरकार ने यूजर चार्ज बढ़ाने का लिया निर्णय

पासपोर्ट, लाइसेंस, विभिन्‍न परीक्षाओं और सरकार की तरफ से उपलब्‍ध कराई जाने वाली बहुत सी अन्‍य सुविधाओं के ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको ज्‍यादा फीस देनी होगी।

नई दिल्‍ली। वह दिन दूर नहीं जब आपको पासपोर्ट, लाइसेंस, विभिन्‍न परीक्षाओं और सरकार की तरफ से उपलब्‍ध कराई जाने वाली बहुत सी अन्‍य सुविधाओं के ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको ज्‍यादा फीस देनी होगी। इकॉनोमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्‍त मंत्रालय ने अन्‍य मंत्रालयों और विभागों से यूजर चार्ज बढ़ाने को कहा है ताकि वर्तमान प्रोजेक्‍ट की खर्च की फंडिंग और उपलब्‍ध कराई जाने वाली विभिन्‍न सेवाओं की लागत रिकवर की जा सके।

तस्‍वीरों में देखिए किस देश के पासपोर्ट हैं सबसे पावरफुल

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बाहरी कंपनियां हायर करने की वजह से बढ़ी सरकार की लागत

  • वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनता के लिए जितनी भी ऑनलाइन सेवाएं हैं, उनके लिए विभागों को अलग से कंपनियां हायर करनी पड़ती हैं।
  • उन्हें उनकी सेवा के बदले में बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है।
  • उदाहरण के लिए, UPSC सिविल सर्विस परीक्षा के लिए अभी भी 100 रुपए लेता है, जबकि इस परीक्षा के आयोजन की लागत पिछले वर्षों के दौरान काफी बढ़ गई है।
  • रेलवे की कुछ सर्विसेज पर भी भारी सब्सिडी दी जाती है।
  • ज्‍यादातर दूसरी सेवाओं के शुल्‍क या तो स्थिर हैं या उनमें मामूली बढ़ोतरी हुई है।
  • लेकिन जितना शुल्क जनता से लिया जाता है उससे ज्यादा पैसा सरकार को कंपनी को देना पड़ता है।
  • इसलिए, घाटे की भरपाई के लिए शुल्क बढ़ाया जाएगा।
  • सूत्र कहते हैं कि हाल में हुई बैठक में सरकारी अधिकारी ने कहा था कि इन सेवाओं पर सरकार कब तक सब्सिडी देती रहेगी।
  • हाल में वित्त मंत्रालय ने तमाम मंत्रालय के मंत्रियों और अधिकारियों को कहा था कि उनके मंत्रालय को जितना भी बजट मिला है, उतने में ही सब कुछ खर्च किया जाए।

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2012 में अंतिम बार बढ़ी थी पासपोर्ट फीस

  • पासपोर्ट के लिए फी अंतिम बार 2012 में 1,000 रुपए से बढ़ाकर 1,500 रुपए की गई थी।
  • ज्‍यादातर मामलों में कॉस्ट के मुताबिक फीस कम है और इससे सरकार को काफी सब्सिडी देनी पड़ती है।
  • इससे पहले भी इस तरह के निर्देश दिए जाते रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।

एक्‍सपेंडिचर मैनेजमेंट कमीशन ने दिया था कॉस्‍ट रिकवर करने का सुझाव

इकॉनोमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, RBI के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अगुवाई वाले एक्सपेंडिचर मैनेजमेंट कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी संगठनों की ओर से दी जाने वाली सर्विसेज की कॉस्ट रिकवर करने की जरूरत पर जोर दिया था। अधिकारी ने बताया कि कमिशन ने कहा था कि सर्विस की लागू वसूली जानी चाहिए और सब्सिडी धीरे-धीरे कम होनी चाहिए। मंत्रालयों को कमिशन के सुझाव भेजे गए हैं। जिससे वे इनके मुताबिक कदम उठा सकें। कमिशन की सिफारिशों के अनुसार सरकार कुछ कदम पहले ही उठा चुकी है। इनमें केरोसिन और डीजल पर सब्सिडी को कम करना शामिल हैं।

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