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आने वाले समय में रेल मंत्री नहीं बल्कि RDA तय करेगी रेल किराया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

भविष्‍य में रेलवे के किरायों को घटाने या बढ़ाने का काम अब रेल मंत्री नहीं करेंगे बल्कि इसका निर्धारण रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी (RDA) करेगी।

आने वाले समय में रेल मंत्री नहीं बल्कि RDA तय करेगी रेल किराया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी- India TV Paisa आने वाले समय में रेल मंत्री नहीं बल्कि RDA तय करेगी रेल किराया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

नई दिल्‍ली। भविष्‍य में रेलवे के किरायों को घटाने या बढ़ाने का काम अब रेल मंत्री नहीं करेंगे बल्कि इसका निर्धारण रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी (RDA) करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी RDA को मंजूरी दे दी है। ऐसी उम्मीद है कि RDA बनने के बाद रेलवे में सेवाओं की स्थिति बेहतर होगी और साथ ही इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।

खास बात यह है कि RDA एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए बनाया जा रहा है क्योंकि इस समय मोदी सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है लेकिन रेलवे में सुधारों की जरूरत को देखते हुए मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि इसे रेलवे एक्ट 1989 के अंतर्गत बनाया जाए।

लागतों को देखते हुए किराए का निर्धारण करेगी RDA

RDA एक स्वतंत्र रेगुलेटर होगा और इसका काम रेल किरायों का निर्धारण करना होगा। रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी लागत को देखते हुए रेलवे की सेवाओं की कीमतों का निर्धारण करेगी। इसके अलावा उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और साथ ही साथ नॉन फेयर रेवेन्यू को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर सुझाव देना भी इसका काम होगा।

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रेलवे से जुड़े सुझावों को पहनाया जाएगा अमली जामा

RDA रेल सुधारों को लागू करने का रास्ता भी साफ करेगा। किस तरीके से रेलवे में मानव संसाधन को विकसित किया जाए, इसके बारे में RDA की बात को सबसे ऊपर रखा जाएगा। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर इंफ्रास्ट्रक्चर को किस तरह से निजी और सरकारी हिस्सेदारी से चलाया जाए इसके बारे में भी RDA की राय काफी मायने रखेगी।

RDA में एक चेयरमैन और 3 सदस्य होंगे

मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्‍ताव के अनुसार, RDA का एक चेयरमैन होगा और इसके 3 सदस्य होंगे। चेयरमैन और उसके सदस्यों का कार्यकाल 5 साल का होगा। उल्‍लेखनीय है कि वर्ष 2001 से ही रेलवे में रेगुलेटर की भूमिका पर जोर देते हुए कई समितियों का गठन किया गया। इसके लिए सबसे पहले वर्ष 2001 में डॉक्टर राकेश मोहन की अगुआई में विशेषज्ञों का समूह बनाया गया। उसके बाद 2014 में नेशनल ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट पॉलिसी कमिटी बनाई गई। 2015 में डॉक्टर विवेक देवराय की अध्यक्षता में इसको लेकर एक कमेटी का गठन किया गया।

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RDA के जिम्‍मे होंगे ये काम

समय-समय पर रेलवे किरायों का निर्धारण करना RDA का काम होगा। अलग-अलग कमोडिटीज पर कितना माल भाड़ा लगाया जाए इसका फैसला भी यह अथॉरिटी ही करेगी। आने वाले दिनों में सरकार अलग-अलग रेलवे लाइनों को निजी क्षेत्र को देने की भी सोच रही है। ऐसे में इन रेलवे लाइनों पर निजी क्षेत्र की गाड़ी को चलने देने के लिए कितना किराया वसूला जाए, इसका निर्धारण भी RDA के हाथ में होगा। रेलवे टिकट में अलग-अलग तरह की रियायतों के बारे में भी फैसला करने का हक RDA को होगा।

भारतीय रेलवे में निवेश करने वाले निजी और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के किसी भी विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी भी RDA की होगी। भारतीय रेलवे को विश्व स्तरीय बनाने के लिए ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेज और बेंचमार्किंग निर्धारित करने की जिम्‍मेदारी भी RDA की होगा।

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