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Hindi News पैसा बिज़नेस खुदरा कीमतों पर नियंत्रण के लिए अब तक बफर स्टॉक से 1.11 लाख टन प्याज जारी किये: सरकार

खुदरा कीमतों पर नियंत्रण के लिए अब तक बफर स्टॉक से 1.11 लाख टन प्याज जारी किये: सरकार

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सप्लाई बढ़ाने की वजह से प्याज की खुदरा कीमतों को अब तक 5-12 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम करने में मदद मिली है।

<p>बफर स्टॉक की मदद से...- India TV Paisa Image Source : PTI बफर स्टॉक की मदद से प्याज कीमतों पर नियंत्रण

नई दिल्ली। केन्द्र ने बुधवार को कहा कि उसने अब तक देश भर के प्रमुख बाजारों में अपने बफर स्टॉक से 1.11 लाख टन प्याज जारी किया है। इससे खुदरा कीमतों में 5-12 रुपये प्रति किलो की कमी आई है। इस बफर प्याज को दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, पटना, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, चंडीगढ़, कोच्चि और रायपुर जैसे प्रमुख बाजारों में जारी किया गया था। इसके अलावा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के स्थानीय बाजारों में प्याज को उतारा गया था। 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बफर स्टॉक के जरिए प्याज की कीमतों को भी स्थिर किया जा रहा है। प्याज की कीमतों को कम करने के केन्द्र के प्रयासों के अब परिणाम सामने आ रहे हैं।’’ प्याज की कीमतें अब पिछले साल की तुलना में सस्ती हैं, क्योंकि इस प्रमुख सब्जी का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 40.13 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि थोक बाजार में यह 31.15 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसमें कहा गया है कि दो नवंबर तक बफर स्टॉक से कुल 1,11,376.17 टन प्याज प्रमुख बाजारों में लाया गया था। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस हस्तक्षेप से खुदरा कीमतों को अब तक 5-12 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम करने में मदद मिली है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में, खुदरा प्याज की कीमतें तीन नवंबर को घटकर 44 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो 20 अक्टूबर को 49 रुपये थी। मुंबई में, प्याज की कीमतें 14 अक्टूबर के 50 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर से घटकर अब 45 रुपये रह गई हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि कोलकाता में प्याज की खुदरा कीमत 17 अक्टूबर के 57 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 45 रुपये रह गई, जबकि चेन्नई में यह 13 अक्टूबर के 42 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 37 रुपये रह गई है। 

मंत्रालय के अनुसार, प्याज की कीमतें अक्टूबर के पहले सप्ताह से बढ़ने लगी थीं, क्योंकि बारिश के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई थी। कीमतों को कम करने के लिए, सरकार ने ‘फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (फीफो) सिद्धांत पर बफर स्टॉक से प्याज की सुनियोजित और लक्षित तरीके से बाजार में लाना शुरू किया है, जो कीमतों को कम करने और न्यूनतम भंडारण हानि सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्यों से प्रेरित है। सरकार ने बाजार में जारी करने के अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भंडारण स्थानों से उठान के लिए 21 रुपये प्रति किलो की दर से बफर प्याज की पेशकश की है। यह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को या तो खुदरा उपभोक्ताओं को खुदरा दुकानों के माध्यम से सीधे आपूर्ति के माध्यम से या कीमतों को कम करने के लिए प्रमुख बाजारों में जारी करने के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करने की स्थिति में लायेगा। मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र को 26 रुपये किलो प्याज की पेशकश की गई है और इसने 400 टन उठा लिया है। नगालैंड को भी बफर प्याज की आपूर्ति की जा रही है। कीमतों में कमी लाने के लिए प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के उद्देश्य से मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत प्याज बफर को बनाए रखा गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021-22 के दौरान बफर के लिए कुल 2.08 लाख टन प्याज की खरीद की गई, जो 2 लाख टन के लक्ष्य से थोड़ा अधिक है। 

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