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Hindi News पैसा बिज़नेस कृषि क्षेत्र में मनरेगा के उपयोग पर जल्‍द होगा फैसला, मुख्यमंत्रियों का उप-समूह तीन माह में देगा सिफारिश

कृषि क्षेत्र में मनरेगा के उपयोग पर जल्‍द होगा फैसला, मुख्यमंत्रियों का उप-समूह तीन माह में देगा सिफारिश

सरकार ने कृषि क्षेत्र के कुछ कामों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के उपयोग को लेकर एक समन्वित नीतिगत रुख तैयार करने के मकसद से मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन कर दिया है

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नई दिल्ली। सरकार ने कृषि क्षेत्र के कुछ कामों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के उपयोग को लेकर एक समन्वित नीतिगत रुख तैयार करने के मकसद से मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन कर दिया है और उसे रपट देने के लिए तीन माह का समय दिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्रियों के इस उपसमूह का संयोजक बनाया गया है और इसकी पहली बैठक अगले माह हो सकती है। 

यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार इस उप-समूह में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के मुख्यमंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं। इसमें नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद भी शामिल हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। 

नीति आयोग की 17 जून को संचालन परिषद की चौथी बैठक में कृषि और मनरेगा के बीच तालमेल को लेकर समिति बनाने के लिये आमसहमति से निर्णय किया गया था। बैठक के दौरान किसानों की आय दोगुनी करने के लिये टिकाऊ संपत्ति सृजित करने को लेकर विशेष रूप से बुवाई से पहले तथा कटाई के बाद के कार्यों समेत कृषि क्षेत्र में व्यापक रूप से मनरेगा के उपयोग पर जोर दिया गया था। 

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को सात मुख्यमंत्रियों का उपसमूह बनाने के लिये मनोनीत किया था ताकि कृषि में मनरेगा के उपयोग को लेकर एक समन्वित नीतिगत रुख अपनाया जा सके। उप-समूह गठन की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा। उप-समूह की बैठक अगले महीने होगी।

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