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Hindi News पैसा बिज़नेस महामारी ने एशिया-प्रशांत में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी में धकेला: ADB

महामारी ने एशिया-प्रशांत में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को गरीबी में धकेला: ADB

रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 करोड़ लोग या विकासशील एशिया की 5.2 प्रतिशत आबादी, 2017 तक अत्यधिक गरीबी में रहती थी। महामारी नहीं आती तो ये आंकड़ा 2020 तक 2.6 प्रतिशत संभव था

<p>महामारी से एशिया में 8...- India TV Paisa Image Source : PTI महामारी से एशिया में 8 करोड़ से ज्यादा गरीबी में पहुंचे

नई दिल्ली। एशियन डेवलपमेंट बैंक की मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कोविड महामारी ने 2020 में विकासशील एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अनुमानित 7.5 से 8 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एडीबी ने चेतावनी दी है कि महामारी एशिया और प्रशांत क्षेत्र की सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत महत्वपूर्ण लक्ष्यों की ओर बढ़ने के रास्ते में बडा खतरा है।

गरीबी रेखा के करीब रहने वालों की मुश्किलें बढ़ीं
एक 'की इंडिकेटर फॉर एशिया एंड द पैसिफिक 2021' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल की शुरूआत में दुनिया को तबाह करने वाली महामारी ने "गरीबी रेखा से नीचे या उसके करीब रहने वाले लाखों लोगों के लिये मुश्किलों को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसका सामाजिक आर्थिक प्रभाव लगातार सामने आ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, "जो लोग पहले से ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनके गरीबी के दलदल में और फंसने का खतरा बन गया है।" यह मानते हुए कि महामारी ने समाज के बीच असमानता बढ़ा दी है, रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक गरीबी में बढ़त अनुमान से और भी अधिक हो सकती है।

महामारी का गरीबी खत्म करने के अभियान पर असर
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 करोड़ लोग या विकासशील एशिया की 5.2 प्रतिशत आबादी, 2017 तक अत्यधिक गरीबी में रहती थी। अगर कोविड महामारी न आई होती तो साल 2020 तक गरीबी में फंसे लोगों की संख्या 2.6 प्रतिशत तक गिर गयी होती। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने एक बयान कहा कि 2030 तक एसडीजी हासिल करने के लिए, सरकारों को उच्च गुणवत्ता और समय पर डेटा का उपयोग कार्रवाई के लिए एक गाइड के रूप में करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रिकवरी की स्थिति में गरीब और कमजोरों को भी मुश्किलों से बाहर निकाला जा सके। 

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