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Hindi News पैसा बिज़नेस पतंजलि का च्यवनप्राश वाला विज्ञापन नहीं दिखेगा, अदालत ने लगाई रोक

पतंजलि का च्यवनप्राश वाला विज्ञापन नहीं दिखेगा, अदालत ने लगाई रोक

पतंजलि को च्यवनप्राश के किसी भी प्रकार से विग्यापनों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक अगली सुनवाई 26 सितंबर तक यह रोक जारी रहेगी

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नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को दिल्ली उच्च न्यायालय से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के च्यवनप्राश को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह फैसला डाबर इंडिया की याचिका पर दिया जिसने कहा था कि विज्ञापन में उनके उत्पाद की उपेक्षा की गई है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्त सी हरी शंकर की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में आयुर्वेदिक फर्म पतंजलि को किसी भी प्रकार से विग्यापनों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक अगली सुनवाई 26 सितंबर तक यह रोक जारी रहेगी। इसके साथ ही पीठ ने पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी कर डाबर इंडिया की याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। डाबर इंडिया ने पतंजलि से क्षतिपूर्त के रूप में 2.01 करोड़ रुपये की मांग भी की है। डाबर इंडिया ने एकल पीठ के एक सितंबर के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है। एकल पीठ ने डाबर की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें पतंजलि के विज्ञापन का प्रसारण रोकने की अपील की गई थी।

च्यवनप्राश से पहले पतंजलि के सरसों तेल वाले विज्ञापन के खिलाफ भी तेल तिलहन इंडस्ट्री ने शिकायत की हुई है। तेल-तिलहन इंडस्ट्री का आरोप है कि विज्ञापन में पतंजलि को छोड़ अन्य सरसों तेल के उत्पादन को लेकर गलत जानकारी दी जा रही है।

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