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Hindi News पैसा बिज़नेस SC की फटकार के बाद DoT ने दंडात्‍मक कार्रवाई न करने का आदेश लिया वापस, AGR भुगतान के लिए दिया रात 12 बजे तक का समय

SC की फटकार के बाद DoT ने दंडात्‍मक कार्रवाई न करने का आदेश लिया वापस, AGR भुगतान के लिए दिया रात 12 बजे तक का समय

कोर्ट ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।

 DoT withdraws order on no coercive action against telcos- India TV Paisa  DoT withdraws order on no coercive action against telcos

नई दि‍ल्‍ली।  दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के आदेश को वापस ले लिया है। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया व अन्य टेलीकॉक कंपनियों को शुक्रवार यानी 14 फरवरी की रात 11.59 बजे तक बकाये का भुगतान करने का आदेश भी दिया है। विभाग ने अपने नए आदेश में सभी फील्‍ड कार्यालयों को सुप्रीम कोर्ट के अक्‍टूबर में आए फैसले पर अमल के लिए तुरंत आवश्‍यक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।

दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को आदेश जारी कर शुक्रवार रात 11.59 बजे तक एजीआर के रूप में सभी बकाये का भुगतान करने को कहा है। विभाग ने सर्किल या जोन वाइज सभी कंपनियों को इस संबंध में डिमांड नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

दूरसंचार विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि 23 जनवरी, 2020 को जारी पूर्व के आदेश को तत्‍तकाल प्रभाव से वापस लिया जाता है। विभाग के नए आदेश में कहा गया है कि य‍ह निर्देश दिया जाता है कि 24 अक्‍टूबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अनुपालन करने के लिए तत्‍काल आवश्‍यक कदम उठाए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1.47 लाख करोड़ रुपए का समायोजित सकल राजस्‍व (एजीआर) के बकाये का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर दूरसंचार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से पूछा कि एजीआर बकाये के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।

अपने आदेश का अनुपालन न होने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्‍दुल नजीर और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने ने दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया, जिससे एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लग गई थी। कोर्ट ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।

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