A
Hindi News पैसा बिज़नेस स्टार्टअप को फंड जुटाने में होगी आसानी, क्रेडिट गारंटी और शुरुआती पूंजी की योजनाओं पर काम जारी

स्टार्टअप को फंड जुटाने में होगी आसानी, क्रेडिट गारंटी और शुरुआती पूंजी की योजनाओं पर काम जारी

कर्ज गारंटी योजना के लिए एक फंड है जिसे बैंकों को दिया जाएगा। बैंक इसका इस्तेमाल स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए कर सकते हैं। शुरुआती फंडिंग के लिए भी अखिल भारतीय स्तर की योजना लाने की तैयारी

<p>स्टार्टअप की फंडिंग...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE स्टार्टअप की फंडिंग के लिए 2 नई योजनाओं पर काम जारी

नई दिल्ली। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में स्टार्टअप के समर्थन के लिए दो योजनाओं पर काम कर रहा है। ये योजनाएं कर्ज की गारंटी और काम शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी से जुड़ी हैं। डीपीआईआईटी के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने यह जानकारी दी। महापात्र ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के तौर-तरीके तय करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। महापात्र ने कहा, ‘‘हम कर्ज की गारंटी और शुरुआती पूंजी योजना पर काम कर रहे हैं। दोनों पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श चल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी योजना के लिए एक कोष है जिसे बैंकों को दिया जाएगा। बैंक इसका इस्तेमाल स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए कर सकते हैं। महापात्र ने कहा कि इससे बैंकों को कर्ज देने में सुविधा होगी। यह कर्ज के लिए होगा, उद्यम पूंजी के लिए नहीं।

शुरुआती पूंजी की योजना पर महापात्र ने कहा कि ज्यादातर स्टार्टअप को शुरुआती स्तर पर धन जुटाने में परेशानी आती है। सचिव ने कहा, ‘‘गुजरात और केरल जैसे कुछ राज्यों में शुरुआती पूंजी की योजना है, लेकिन यह काफी छोटी है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों की भी योजना है। लेकिन हम अखिल भारतीय स्तर की योजना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दोनों योजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी। उसके बाद डीपीआईआईटी दोनों योजनाओं के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति लेगा। महापात्र ने कहा कि कुछ स्टार्टअप ने कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (इसॉप) को लेकर कुछ मुद्दे उठाए हैं। हमने इसे राजस्व विभाग को भेज दिया है।

एक अनुमान के मुताबिक देश में शुरू होने वाले अधिकांश नए बिजनेस आइडिया एक साल पूरा होने से पहले ही बंद हो जाते हैं। असफल होने के लिए जो वजह होती है उसमें सबसे अहम वजहों में से एक फंड की कमी है। दरअसल फंड की कमी की वजह से स्टार्टअप अपने आइडिया को समय पर बाजार में या निवेशकों के सामने उतार नहीं पाते और वो अपने आइडिया की बढ़त गंवा देते हैं। देश में कई प्रदेशों की सरकार, संस्थान और दिग्गज कारोबारी स्टार्टअप में निवेश को बढ़ावा देते हैं,जिससे नए बिजनेस खुद को स्थापित कर सकें। हालांकि अब योजना है कि पूरे देश में नए आइडिये को फंडिंग की एक योजना लागू की जाए जिससे युवा कारोबारियों को रकम जुटाने में मदद मिल सके।   

Latest Business News