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दोषपूर्ण परियोजना तैयार करने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही, देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे

नितिन गडकरी ने दोषपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने आगाह किया कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

हर साल 5 लाख सड़क हादसों पर सख्‍त हुई सरकार, दोषपूर्ण प्रोजेक्‍ट तैयार करने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही- India TV Paisa हर साल 5 लाख सड़क हादसों पर सख्‍त हुई सरकार, दोषपूर्ण प्रोजेक्‍ट तैयार करने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दोषपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने आगाह किया कि संबंधित अधिकारियों को सड़क डिजाइन में गड़बड़ी को लेकर दुर्घटनाओं के प्रकरण में मामला दर्ज किया जा सकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात से दु:ख है कि सालाना 1.5 लाख लोग दुर्घटना में मारे जाते हैं और कई मागो पर दोषपूर्ण सड़क डिजाइनिंग दुर्घटना के बड़े कारणों में से एक है।

राजमार्ग क्षेत्र के संबद्ध पक्षों की बैठक में गडकरी ने कहा, मैं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वालों से हाथ जोड़कर अनुरोध करना चाहता हूं। कृपया मेरी बातों का गलत मतलब नहीं निकालें। मैं यह निर्देश दे रहा हूं कि जिन सड़कों पर बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिन लोगों ने डीपीआर बनाई है, उन्हें आरोपी बनाया जाना चाहिए मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि यह बात कानून में शामिल हो। उन्होंने मंत्रालय की सूचना प्रौद्योगिकी पहल की भी शुरूआत की।

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केंद्र ने कड़े यातायात नियम बनाने तथा विभिन्न अपराधों के लिए दंड तय करने को लेकर राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह गठित किया है। गडकरी ने जोर देकर कहा कि हर दुर्घटना के लिए अकेले चालक जिम्मेदार नहीं होता, कई दुर्घटनाओं के लिए गलत सड़क इंजीनियरिंग तथा दोषपूर्ण डिजाइन जिम्मेदार है। उन्होंने संबद्ध अधिकारियों से डीपीआर बनाते समय अत्यंत सावधानी बरतने को कहा।

देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे होते हैं जिसमें तीन लाख लोग अपंग होते हैं और 1.5 लाख लोग मरते हैं। इसका अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद का 3.0 फीसदी प्रभाव पड़ता है। गडकरी ने अधिकारियों से काम में तेजी लाने तथा नई प्रणाली का विरोध करने की मानसिकता खत्म करने को कहा। उन्होंने आईटी पहल ईपेस शुरू किया जिसके जरिए परियोजनाओं की वास्तविक समय पर निगरानी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि 2,000 से अधिक परियोजनाएं सीधे इसके जरिए निगरानी की जा रही है जिसका मूल्य 5.0 लाख करोड़ रुपए है।

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