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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI कर सकता है रेपो दर में और 0.25 प्रतिशत की कटौती, विशेषज्ञों ने जताई उम्‍मीद

RBI कर सकता है रेपो दर में और 0.25 प्रतिशत की कटौती, विशेषज्ञों ने जताई उम्‍मीद

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि वह एमपीसी द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।

Experts hope another 25 bps rate cut by RBI- India TV Paisa Image Source : EXPERTS HOPE ANOTHER 25 B Experts hope another 25 bps rate cut by RBI

नई दिल्ली। महंगाई दर के नियंत्रण में होने के साथ विशेषज्ञों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए लगातार चौथी बार नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वृहद आर्थिक स्थिति पर पर विचार कर रही है और अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा बुधवार को करेगी।

एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई। मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक स्तर पर होने, वाहन क्षेत्र में नरमी, बुनियादी ढांचा उद्योग में नाममात्र वृद्धि, मानसून को लेकर चिंता तथा शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए नीतिगत दर में एक और कटौती की उम्मीद की जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बैंक प्रमुखों के साथ बैठक कर कर्ज वितरण की स्थिति की समीक्षा की और बैंकों से फरवरी से लेकर अब तक रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में की गई 0.75 प्रतिशत की कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा।

बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि वह एमपीसी द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। नीतिगत दर में कटौती के साथ उद्योग जगत छह सदस्यीय एमपीसी से यह सुनिश्चित करने की भी उम्मीद कर रहा है कि बैंक दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचे। इसके साथ ही उद्योग जगत आर्थिक तंत्र में नकदी की स्थिति में सुधार पर भी जोर दे रहा है।

उद्योग मंडल सीआईआई ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि के रास्ते में चुनौतियों और मुद्रा स्फीति के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने के मद्देनजर इस साल फरवरी 2019 में नीतिगत दर में कटौती शुरू की। उसने कहा लेकिन दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिलना अभी बाकी है। सीआईआई ने कहा है कि आरबीआई को नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। इससे अर्थव्यवस्था में 60,000 करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध होगी। 

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