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Hindi News पैसा बिज़नेस NCLAT के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी Tata Sons, सपूरजी पलोनजी समूह ने किया है 69.57 करोड़ का निवेश

NCLAT के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी Tata Sons, सपूरजी पलोनजी समूह ने किया है 69.57 करोड़ का निवेश

टाटा संस ने कहा कि सपूरजी पलोनजी ग्रुप का निवेश केवल 69.57 करोड़ रुपए है।

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नई दिल्‍ली। टाटा ग्रुप राष्‍ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्‍यायाधिकरण (NCLAT) के उस फैसले के खिलाफ जनवरी के पहले हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, जिसमें साइरस पी मिस्‍त्री को दोबारा समूह का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने और वर्तमान चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध ठहराया गया है। इसके अलावा टाटा ग्रुप ने यह भी स्‍पष्‍टीकरण दिया है कि एनसीएलएटी के आदेश में कई तथ्‍यात्‍मक त्रुटियां भी हैं। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में लिखा है कि टाटा संस में सपूरजी पलोनजी ग्रुप का निवेश 1 लाख करोड़ रुपए का है। इस पर टाटा संस ने कहा कि सपूरजी पलोनजी ग्रुप का निवेश केवल 69.57 करोड़ रुपए है।

टाटा ग्रुप अपनी अपील में NCLAT के आदेश को खारिज करने या उस पर स्टे लगाने की मांग करेगी। न्‍यायाधिकरण ने मिस्‍त्री को दोबारा चेयरमैन बनाने के लिए टाटा ग्रुप को चार हफ्ते का समय दिया है।

टाटा ग्रुप को यह उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट NCLAT के फैसले पर रोक लगा सकता है। लाइव मिंट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि टाटा ग्रुप इस मामले में कानूनी सलाह ले रहा है कि NCLAT का ऑर्डर शेयरहोल्डर राइट्स और प्रोसेस से ऊपर है या नहीं।

कानूनी सलाहकारों की राय इसको लेकर अलग है। लाइव मिंट के मुताबिक, जहां कुछ जानकारों का कहना है कि शेयरहोल्डर राइट्स ऊपर है। वहीं कुछ का कहना है कि NCLAT का ऑर्डर मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाना लीगल है या नहीं, इस आधार पर लिया गया है।

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