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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्त मंत्रालय ने पोर्टल के जरिए आम लोगों से बजट के लिए सुझाव मांगे, इंडस्ट्री ई-मेल से रखेगी बात

वित्त मंत्रालय ने पोर्टल के जरिए आम लोगों से बजट के लिए सुझाव मांगे, इंडस्ट्री ई-मेल से रखेगी बात

मंत्रालय ने कहा कि वार्षिक बजट 2021-22 के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने तथा इसे अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए सरकार ने माईगॉव प्लेटफॉर्म पर माइक्रो-साइट (ऑनलाइन पोर्टल) शुरू किया है। यह पोर्टल 15 नवंबर से शुरू होगा। इस पर 30 नवंबर तक बजट के बारे में सुझाव दिए जा सकेंगे।

<p>बजट के लिए ई-मेल के...- India TV Paisa Image Source : PTI बजट के लिए ई-मेल के जरिए मांगे जाएंगे सुझाव

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने फैसला किया है कि वह अगले बजट की तैयारी के सिलसिले में विभिन्न उद्योग संगठनों और विशेषज्ञों से सुझाव ई- मेल के जरिये लेगा। वित्त मंत्रालय आम बजट 2021-22 पर सुझाव लेने के लिए एक ‘ई-मेल आईडी’ बनाएगा। कोरोना वायरस महामारी की वजह से मंत्रालय ने यह कदम उठाने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार का ‘माईगॉव’ पोर्टल भी आम जनता से बजट पर सुझाव लेने के लिए मंच उपलब्ध कराएगा। यह मंच 15 नवंबर से 30 नवंबर तक खुला रहेगा। वित्त मंत्रालय वर्षों से वार्षिक बजट से पहले नॉर्थ ब्लॉक में उद्योग संघों, व्यापार संगठनों तथा विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करता रहा है।

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा, ‘‘महामारी की स्थिति की वजह से मंत्रालय के पास विभिन्न हलकों से बजट पूर्व विचार-विमर्श अलग तरीके से करने का आग्रह किया गया है। इसी के मद्देनजर एक विशेष ई-मेल आईडी बनाने का फैसला किया गया है, जिसपर विभिन्न संस्थानों और विशेषज्ञों से सुझाव लिए जाएंगे।’’ मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में सूचना जल्द जारी की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि वार्षिक बजट 2021-22 के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने तथा इसे अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए सरकार ने माईगॉव प्लेटफॉर्म पर माइक्रो-साइट (ऑनलाइन पोर्टल) शुरू किया है। यह पोर्टल 15 नवंबर से शुरू होगा। इस पर 30 नवंबर तक बजट के बारे में सुझाव दिए जा सकेंगे।

बजट से पहले सरकार अर्थव्यवस्था से जुड़े हर पक्ष से सलाह लेती है। इसके लिए बजट पेश होने से काफी पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी जाती है। वित्त मंत्री सभी सेक्टर से उनका मांगे और सलाह जानने के लिए मुलाकात करते हैं। कई राउंड में चलने वाली इन बैठकों से मिलने वाले सुझावों का इस्तेमाल बजट तैयार करने में किया जाता है। हालांकि इस साल कोरोना के असर की वजह से बैठकों की संभावना नहीं है इसलिए सरकार ने ई-मेल के जरिए सुझाव मंगाने की शुरुआत कर दी है।

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