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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने Moody's से की मुलाकात, सॉवरेन रेटिंग बेहतर करने की वकालत

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने Moody's से की मुलाकात, सॉवरेन रेटिंग बेहतर करने की वकालत

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने पिछले साल भारत की सरकारी साख ‘बीएए2’ से कम कर ‘बीएए3’ कर दी थी।

<p>वित्त मंत्रालय के...- India TV Paisa Image Source : FILE वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने Moody's से की मुलाकात, सॉवरेन रेटिंग बेहतर करने की वकालत 

नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और रेटिंग एजेंसी मूडीज के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं पर चर्चा की। बैठक के दौरान भारतीय अधिकारियों ने मूडीज़ के समक्ष भारत का सावरेन साख परिदृश्य बेहतर करने की वकालत की। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम और आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारी तथा मूडीज के विश्लेषक शामिल हुए। यह बैठक मूडीज की सालाना सरकारी रेटिंग की कार्यवाही की तैयारी के हिस्से के रूप में हुई। 

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने पिछले साल भारत की सरकारी साख ‘बीएए2’ से कम कर ‘बीएए3’ कर दी थी। उसने कहा था कि निम्न वृद्धि दर की स्थिति लगातार बने रहने और बिगड़ती राजकोषीय स्थिति के जोखिमों को कम करने के लिए नीतियों के कार्यान्वयन में चुनौतियां होंगी। सरकारी साख पर परिदृश्य नकारात्मक है। बैठक के दौरान वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने जून 2021 को समाप्त तिमाही में तीव्र जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का जिक्र किया। साथ ही राजकोषीय घाटा और कर्ज के आंकड़े भी साझा किये। 

केंद्र का राजकोषीय घाटा अप्रैल -जुलाई, 2021 के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 के लिये तय बजटीय अनुमान का 21.3 प्रतिशत रहा। इसका मुख्य कारण गैर-जरूरी खर्चों में कटौती और कर तथा गैर-कर राजस्व संग्रह में वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य का 103 प्रतिशत तक पहुंच गया था। सरकार ने 2021-22 में 12.5 लाख करोड़ रुपये के सकल कर्ज का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही। वहीं पिछले वित्त वर्ष 2020-21 जीडीपी वृद्धि दर में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

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