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SBI के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी गिरफ्तार, 200 करोड़ के होटल को 25 करोड़ में बेचने का आरोप

लक्ज़री होटल फोर्ट रजवाड़ा क़ो गलत तरीके से बेचा था, 6 साल पुराने केस में जैसलमेर पुलिस ने दिल्ली से की गिरफ्तारी

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जैसलमेर होटल लोन घोटाला मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को जैसलमेर पुलिस ने रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट जैसलमेर की ओर से दिये गये गिरफ्तारी के आदेश बाद पुलिस ने प्रतीप चौधरी को गिरफ्तार किया है। प्रतीप चौधरी को आज़ जैसलमेर लाया जायेगा यह पूरा मामला होटल प्रोपर्टी को NPA करके गलत तरीके से बेचने करने का है। आरोप है कि उन्होंने जैसलमेर की लक्ज़री होटल फोर्ट रजवाड़ा को हथियाने के लिए गलत तरीके से धोखाधड़ी कर बेच दिया। 

आरोप के मुताबिक़  प्रतीप चौधरी ने बिचौलियों के मार्फत जैसलमेर के सितारा होटल रजवाड़ा को हड़पने के लिए प्लान बनाया। लोन का सेटलमेंट करने के लिए बिचौलियों के मार्फत बातचीत की और धोखे में रखकर करीब 200 करोड़ की होटल को सीज करके अपनी परिचित कंपनी को नियम विरुद्ध केवल 25 करोड़ में बिकवा दिया। फिर खुद रिटायर होकर उसी कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बन गए। इतनी बड़ी धोखाधड़ी पर जैसलमेर के सदर थाना में साल 2015 में मामला दर्ज हुआ। सीजेएम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने SBI के तत्कालीन चेयरमैन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। रविवार को कोर्ट के आदेश पर जैसलमेर पुलिस ने प्रतीप चौधरी को दिल्ली स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया।

पुलिस के अनुसार होटल ग्रुप ने 2008 में जैसलमेर में बन रहे एक होटल के निर्माण के लिये एसबीआई से 24 करोड़ रुपये का लोन लिया था। उस समय ग्रुप का एक अन्य होटल रनिंग पॉजिशन में था। उसके बाद जब ग्रुप लोन एमाउंट पे नहीं कर पाया तो बैंक ने इसे नॉन परफोर्म एसेट मानकर कर ग्रुप के दोनों होटल्स को जब्त कर लिया। उस समय बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे। बैंक ने फिर दोनों होटल को बाजार दर के काफी कम दाम में 25 करोड़ रुपये में एक कंपनी को बेच दिया है. इस पर होटल ग्रुप कोर्ट में चला गया। उसके बाद खरीदार कंपनी ने 2016 में इसे टेकओवर किया। 2017 में जब इस संपत्ति का मूल्याकंन करवाया गया तो इसका बाजार मूल्य 160 करोड़ रुपये पाया गया। वहीं सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने बतौर डायरेक्टर उसी कंपनी को ज्वाइन कर लिया जिसको यह होटल बेचा गया था । वर्तमान में इन होटल्स की कीमत 200 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इस मामले में जैसलमेर की सीजेएम कोर्ट ने प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी के आदेश दिये थे. उसके बाद आज प्रतीप चौधरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। कल पुलिस प्रतीप चौधरी को जैसलमेर लायेगी. उसके बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जायेगी।

1 होटल के लोन के बदले दो होटलों पर किया दावा

जैसलमेर के सबसे पुराने होटल फोर्ट रजवाड़ा के मालिक दिलीप सिंह राठौड़ ने साल 2008 में खुहडी रोड पर एक और होटल गढ़ रजवाड़ा के नाम से बनाने का प्लान किया। उसके लिए SBI जोधपुर से साल 2008 मे 24 करोड़ का टर्म लोन लिया। होटल का निर्माण शुरू किया। 2010 में उन्होंने 6 करोड़ का लोन और मांगा, लेकिन एसबीआई ने उनको लोन नहीं दिया। इस दौरान 2010 में होटल मालिक दिलीप सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के 2 महीने बाद ही एसबीआई ने आरबीआई के नियमों से परे जाकर एनपीए ( नॉन परफॉर्मिंग एसेट ) कर दिया। एसबीआई ने इनकी दोनों होटल का वैल्युएशन कराया। लोन का पैसा भरने के लिए दिलीप सिंह के पुत्र हरेन्द्र सिंह राठौड़ पर दबाव बनाया।

होटल हथियाने का आरोप

24 करोड़ के होटल लोन की कुछ किस्त बकाया होने पर एसबीआई ने आरबीआई नियमों के विरुद्ध जाकर होटल का अकाउंट एनपीए कर दिया था। मालिक के दूसरे होटल को सील करने का दबाव बनाया गया। उस दौरान अहमदाबाद की एक सीए फर्म आतिश्य कंसल्टेंसी के मालिक देवेंद्र जैन ने होटल मालिक के बेटे को लोन सेटेलमेंट के लिए एप्रोच किया। उस दौरान एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे। देवेंद्र जैन ने दिलीप सिंह के बेटे हरेन्द्र सिंह को अलकेमिस्ट असेट्स रिकन्स्ट्रकशन कंपनी लिमिटेड के मालिक आलोक धीर से मिलवाया, जिनका मुख्य काम ही लोन सेटेलमेंट यानी रिकवरी करना होता है। दरअसल आलोक धीर एसबीआई के तत्कालीन चेयरमैन प्रतीप चौधरी के मित्र बताए जाते हैं। होटल मालिक ने आलोक धीर की बात नहीं बनी। एसबीआई ने 14 अक्टूबर 2013 को होटल मालिक को करीब 40 करोड़ की देनदारी बताते हुए नोटिस जारी किया। होटल मालिक डीआरटी कोर्ट जयपुर गए। उस दौरान एसबीआई ने रिकवरी के लिए दोनों होटल का एसेट आलोक धीर को दे दिया। एसबीआई ने बिना नीलामी किए अंदर ही अंदर आलोक धीर को दोनों होटल सौंप दिए। धीर ने दोनों होटल पर कब्जा कर लिया।

रिटायर होते ही बने डायरेक्टर

प्रतीप चौधरी रिटायरमेंट के एक महीने के अंदर ही बिचौलिये आलोक धीर की रिकवरी कंपनी के डायरेक्टर बन गए। होटल मालिक को प्रतीप चौधरी के खेल की जानकारी हो गई।उन्होंने जैसलमेर सदर थाने में 2015 में धोखाधड़ी की एफ़आईआर दर्ज करवाकर इस मामले में एसएबीआई के तत्कालीन चेयरमैन समेत कुल 8 लोगों पर मामला दर्ज करवाया।

बिना नीलामी होटल बेचने पर गिरफ्तारी वारंट

सीजेएम कोर्ट ने माना की बिना नीलामी के होटल बेचने के मामले में धोखाधड़ी हुई है। कोर्ट ने शनिवार 23 अक्टूबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वारंट के तहत रविवार 31 अक्टूबर को जैसलमेर पुलिस ने तत्कालीन एसबीआई चेयरमैन प्रतीप चौधरी को उनके दिल्ली निवास से गिरफ्तार किया।

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