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Hindi News पैसा बिज़नेस एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों में लगाये 22 हजार करोड़ रुपये

एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों में लगाये 22 हजार करोड़ रुपये

एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और बॉन्ड्स में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस तरह अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का घरेलू बाजारों में कुल निवेश अक्टूबर के दौरान 22,033 करोड़ रुपये रहा।

<p>एफपीआई ने भारतीय...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE एफपीआई ने भारतीय बाजारों में निवेश बढ़ाया

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। निवेशकों के द्वारा निवेश बढ़ाने की मुख्य वजहें आर्थिक गतिविधियों का फिर से शुरू होना तथा कंपनियों द्वारा अब तक जारी तिमाही परिणामों का बेहतर रहना रहा। इससे पहले विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से निवेश निकाल रहे थे, सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। डिपॉजिटरी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और बॉन्ड्स में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस तरह अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का घरेलू बाजारों में कुल निवेश अक्टूबर के दौरान 22,033 करोड़ रुपये रहा।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में सरप्लस लिक्विडिटी की उपलब्धता की वजह से भारतीय इक्विटी मार्केट में विदेशी धन का प्रवाह हो रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी संकेतों के अलावा लॉकडाउन के बाद से घरेलू अर्थव्यवस्था के खुलने, व्यावसायिक गतिविधियों में फिर से तेजी आने की उम्मीद और तिमाही के दौरान अनुमान से बेहतर रहे कंपनियों के परिणामों ने निवेशकों की भारतीय बाजारों को लेकर रुचि को बनाये रखने में मदद की। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर परिदृश्य में बदलाव जारी है और कई कारक हैं जो विदेशी प्रवाह की दिशा को आगे बढ़ायेंगे। इसके साथ ही ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि भारत में कोविड-19 के नये मामले कम हो रहे हैं। यह अभी के समय में भारत को दुनिया भर के निवेशकों के लिये आकर्षक बाजार बनाता है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण होने वाले हैं। इसमें अमेरिका में चुनाव, कोरोना वायरस से बचाव के टीके की उपलब्धता आदि जैसे कई बड़े कारक हैं, जो निवेश के रुख पर प्रभाव डालेंगे।

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