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चीन-पाकिस्तान से निपटने के लिए इस खास योजना पर काम शुरू, जानिए क्या होगा फायदा

इस सुरंग की मदद से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच पूरे साल संपर्क बना रहेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक वर्चुअल समारोह में ‘ब्लास्ट’ के जरिये इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि यह भारत के लिए ‘गौरव का क्षण’ है।   

<p>जोजिला सुरंग के...- India TV Paisa Image Source : TWITTER जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए आज से पहली ब्लास्टिंग की शुरुआत

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश की सुरक्षा के लिए अहम जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए आज से पहली ब्लास्टिंग की शुरुआत की। ये सुरंग 14.15 किलोमीटर लंबी है। इस सुरंग की मदद से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच पूरे साल संपर्क बना रहेगा। गडकरी ने एक वर्चुअल समारोह में ‘ब्लास्ट’ के जरिये इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि यह भारत के लिए ‘गौरव का क्षण’ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को नए सिरे से तैयार किए जाने से सरकारी खजाने को 4,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि, इसके लिए सुरक्षा और गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है। 

क्या है परियोजना का फायदा
यह परियोजना रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जोजिला पास श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के दौरान यह बंद रहता है। अभी यह मार्ग वाहन चलाने की दृष्टि से दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में आता है। यह परियोजना भू-रणनीतिक दृष्टि से भी संवेदनशील है। सरकार ने कहा है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह सुरंग आधुनिक भारत के इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि होगी। लद्दाख, गिलिगट और बाल्तिस्तान में देश की सीमा के पास भारी सैन्य गतिविधियों के मद्देनजर यह सुरंग देश की रक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण होगी। इससे जम्मू-कश्मीर में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण में भी मदद मिलेगी। इस सुरंग की मदद से 3 घंटे का सफर घटकर 15 मिनट का हो जाएगा। 

कहां बनेगी ये सुरंग 
राष्ट्रीय राजमार्ग-एक पर करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर जोजिला पास के नीचे 14.15 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण किया जाएगा। अभी यहां साल में सिर्फ छह माह वाहन चलाए जा सकते हैं। हालांकि सुरंग पूरी होने के बाद  राष्ट्रीय राजमार्ग-एक पर श्रीनगर और लेह के बीच सभी मौसम में संपर्क बना रहेगा। इसके साथ ही 18 किलोमीटर लंबी सड़क भी बनाई जा रही है जो कि खराब मौसम और हिमस्खलन से सुरक्षित होगी।

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