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Hindi News पैसा बिज़नेस गीता गोपीनाथ छोड़ेंगी IMF का साथ, जनवरी से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फ‍िर शुरू करेंगी पढ़ाना

गीता गोपीनाथ छोड़ेंगी IMF का साथ, जनवरी से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फ‍िर शुरू करेंगी पढ़ाना

दिसंबर 1971 में एक मलयाली परिवार में जन्मी गोपीनाथ ने स्कूल की पढ़ाई कोलकाता में की और दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया।

Gita Gopinath to leave IMF, return to Harvard University in January- India TV Paisa Image Source : IMF Gita Gopinath to leave IMF, return to Harvard University in January

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च डिपार्टमेंट की डायरेक्‍टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) अगले साल जनवरी में अपनी नौकरी छोड़ देंगी और प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लौट जाएंगी। आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्‍टर क्रिस्‍टलिना जॉर्जीवा  (Kristalina Georgieva) ने 19 अक्‍टूबर को इस बात की घोषणा की। जॉर्जीवा ने एक बयान में कहा कि गोपीनाथ के उत्‍तराधिकारी की तलाश जल्‍द ही शुरू की जाएगी।

49 वर्षीय प्रमुख भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ जनवरी 2019 में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में आईएमएफ में शामिल हुई थीं। मैसूर में जन्मी गोपीनाथ वैश्विक वित्तीय संस्थान की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री हैं। आईएमएफ में शामिल होने से पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर थीं। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने मंगलवार को घोषणा की कि गोपीनाथ के उत्तराधिकारी की तलाश जल्द ही शुरू होगी। जॉर्जीवा ने कहा कि आईएमएफ और हमारी सदस्यता में गीता का योगदान काफी उल्लेखनीय रहा, सीधे शब्दों में कहें तो आईएमएफ के काम पर उनका प्रभाव जबरदस्त रहा है।

दिसंबर 1971 में एक मलयाली परिवार में जन्‍मी गोपीनाथ ने स्‍कूल की पढ़ाई कोलकाता में की और दिल्‍ली के लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स के साथ ही साथ यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से उन्‍होंने मास्‍टर्स किया।

गोपीनाथ ने 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्‍स में पीएचडी की।  2001 में उन्‍होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में असिस्‍टैंट प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहुंच गईं। 2010 में वह यहां टेनर्ड प्रोफेसर बनीं। हार्वर्ड के इतिहास में वह ऐसी तीसरी महिला हैं जो इकोनॉमिक्‍स डिपार्टमेंट में टेनर्ड प्रोफेसर बनी हैं।

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