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दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की किल्लत से त्योहारी सीजन में बिक्री प्रभावित: उद्योग

ऑटो उद्योग में फिलहाल 4.5 से 5 लाख वाहनों की बुकिंग लंबित है और इसमें से केवल मारुति सुजुकी के पास 2.15 से 2.20 लाख इकाइयों की बुकिंग है

<p>सेमीकंडक्टर की...- India TV Paisa Image Source : FADA सेमीकंडक्टर की किल्लत से बिक्री पर असर

नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी से त्योहारी सीजन में भारतीय मोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन उद्योग के उत्पादों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उद्योग जगत के अनुसार ग्राहक त्योहारी सीजन के दौरान उत्पादों पर विशेष छूट प्राप्त करते हैं और उन्हें सामान की खरीद के लिए एक अच्छी कीमत मिलती है, हालांकि सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण ग्राहकों को इस बार मोबाइल से लेकर टीवी और वाहनों की खरीद के लिए अधिक कीमत देनी पड़ रही है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘सेमीकंडकटर की कमी के कारण बुकिंग संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जबकि आपूर्ति की संख्या में बढ़त नहीं हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑटो उद्योग में फिलहाल 4.5 से 5 लाख वाहनों की बुकिंग लंबित है और इसमें से केवल मारुति सुजुकी के पास 2.15 से 2.20 लाख इकाइयों की बुकिंग है।‘’ उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल अक्टूबर में ही नहीं बढ़ी है बल्कि यह अगस्त से सितंबर तक बढ़ रही है। 

आपूर्ति की कमी के कारण इस बार छूट और अन्य आकर्षक ऑफर बाजार में कम ही रहेंगे। वही सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन के कहा कि छोटे कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता को सेमीकंडकटर की कमी की समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके कारण वाहन निर्माताओं को इंजन इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाइयों, कीलेस एंट्री, एबीएस सिस्टम और इंफोटेनमेंट सिस्टम तैयार करने में आपूर्ति की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लेकर सिएमा के अध्यक्ष एरिक ब्रैगेंज़ा ने कहा, ‘‘चिप की कमी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इसकी वजह से भविष्य में उत्पादों की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं।’’ कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) के अध्यक्ष ने हालांकि कहा कि अभी तक चिप की कमी के कारण उद्योग में आपूर्ति को लेकर फिलहाल कोई प्रभाव नहीं देखा है। इसी तरह के विचार रखते हुए कॉउंटरपॉइंट के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक प्राचीर सिंह ने कहा कि चिप की कमी का वर्ष की पहली छमाही के दौरान उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग उत्पादों की उपलब्धता के मामले में कम प्रभावित हुआ है। उन्होंने हालांकि कहा कि त्योहारी सीजन के बाद इस संकट का भारतीय विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ने की काफी संभावना है। 

इसके अलावा सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लि.(एसपीपीएल) के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने कहा कि चिप की कमी की समस्या से बड़े पैमाने पर उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछली एक तिमाही के दौरान इस क्षेत्र में 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वही अगली तिमाही में 30 प्रतिशत और वृद्धि हो सकती है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक उत्पादों के निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर एक तरह से अनिवार्य हिस्सा है जो घरों में इस्तेमाल किये जाने वाले उपरकरणों से लेकर स्मार्ट फोन और वाहन बनाने में काम आता है। 

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