A
Hindi News पैसा बिज़नेस बैंक एनपीए से निपटने के लिए जब कोई विकल्प न हो तभी एनसीएलटी में जाएं- अनुराग ठाकुर

बैंक एनपीए से निपटने के लिए जब कोई विकल्प न हो तभी एनसीएलटी में जाएं- अनुराग ठाकुर

सरकार ने बैंकों से फंसे कर्ज यानी एनपीए के निपटान के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा। सरकार का मानना है कि बैंकों के पास और कोई विकल्प नहीं होने की स्थिति में ही उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जाना चाहिए।

anurag thakur- India TV Paisa Image Source : EFFORTS ON TO BRING BLACK anurag thakur

मुंबई। सरकार ने बैंकों से फंसे कर्ज यानी एनपीए के निपटान के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा। सरकार का मानना है कि बैंकों के पास और कोई विकल्प नहीं होने की स्थिति में ही उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जाना चाहिए। वित्त और कॉरपोरेट कार्य मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैंकों को फंसे खातों के समाधान के लिए दैनिक आधार पर एनसीएलटी मार्ग का उपयोग नहीं करना चाहिए। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैंक एनपीए के लिए सीधे एनसीएलटी के पास नहीं जाएं। 

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की 72वीं सालाना आम बैठक में ठाकुर ने कहा, 'मैं बैंक अधिकारियों से आग्रह करूंगा कि वे दबाव वाली संपत्ति के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे और मामले को तभी एनसीएलटी में ले जाएं जब इसके सिवा और कोई उपाय नहीं बचा हो।' 

ठाकुर ने बैंक अधिकारियों से भविष्य में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा निशाना बनाए जाने की आशंका और भय के बिना उद्योग को कर्ज देने के बारे में निर्णय लेने को कहा। मंत्री ने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कामकाज प्रक्रिया में आप कारोबार के लिहाज से जो भी उपयुक्त निर्णय लेंगे, आपको भविष्य में निशाना नहीं बनाया जाएगा।' बैंकों को बिना किसी दुष्प्रभाव की आशंका के धोखाधड़ी के बारे में समय पर जानकारी देनी चाहिए। ठाकुर ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा पिछले कुछ महीनों में रेपो रेट में 1.10 प्रतिशत की कटौती के बावजूद बैंकों ने उसका पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है। 

ठाकुर ने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का केवल कुछ लाभ ही बैंकों ने ग्राहकों को दिया। मैं बैंकों से अनुरोध करता हूं कि उसका लाभ कंपनियों एवं दूसरे ग्राहकों को देने की अपील करता हूं। इससे खपत में वृद्धि होगी और निवेश चक्र सुधरेगा। सरकार ने बैंकों को नकदी की कमी से उबारने के लिए 70,000 करोड़ रुपए दिए हैं।

मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कर्ज देने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे बाजार में कर्ज की उपलब्धता बढ़ेगी और नकदी समस्या दूर होगी। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि रिजर्व बैंक ने बैंकों से एक अक्टूबर से अपने कर्ज को रेपो दर जैसे बाह्य मानकों से जोड़ने की जो बात कही है, उससे कर्जदारों को सस्ता कर्ज मिलेगा।' मंत्री ने कहा कि इससे उद्योग के लिये कार्यशील पूंजी कर्ज की लागत कम होगी। ठाकुर ने आईबीए से बैंकों में खासकर महिला कर्मचारियों के मामले में तबादला और मानव संसाधन नीतियों पर भी गौर करने को कहा।

Latest Business News