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Hindi News पैसा बिज़नेस आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर दोबारा विचार करने की जरूरत: पीयूष गोयल

आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर दोबारा विचार करने की जरूरत: पीयूष गोयल

केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक दोनो पक्षों में फिलहाल दोतरफा व्यापार लगभग 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है जिसे आने वाले वर्षों में इस आंकड़े को 200 अरब डॉलर तक ले जाया जा सकता है।

<p>आसियान के साथ FTA पर फिर...- India TV Paisa Image Source : PTI आसियान के साथ FTA पर फिर से वार्ता पर जोर

नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा व्यापार संबंधों पर फिर से बातचीत करने और 10 सदस्यीय आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस पूरी कवायद का मकसद एफटीए की बाधाओं और दुरुपयोग को खत्म करना होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संघ) के बीच दोतरफा व्यापार लगभग 80 अरब अमेरिकी डॉलर का है और गैर-व्यापार बाधाओं तथा अन्य बाधाओं को दूर करने से आने वाले वर्षों में इस आंकड़े को 200 अरब डॉलर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें हाल के दिनों में आसियान क्षेत्र में, विशेष रूप से कृषि और वाहन क्षेत्र में, हमारे निर्यात पर कई प्रतिबंधात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ा। मुझे लगता है कि इसका परिणाम सिर्फ भारत सहित अन्य देशों की जवाबी कार्रवाई के रूप में होगा और देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए हमारे नेताओं के दीर्घकालिक इरादों को नुकसान पहुंचेगा।’’ 

वाणिज्य मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि मौजूदा व्यापार संबंधों, व्यापार बाधाओं पर फिर से बातचीत करने, आसियान के साथ हमारे एफटीए पर फिर से विचार करने और एफटीए के दुरुपयोग को खत्म करने के लिए नए नियमों पर ध्यान केंद्रित करने, गैर-शुल्क बाधाओं को खत्म करने की जरूरत है।’’ वह सीआईआई भारत-आसियान व्यापार सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यापार को सफल बनाने के लिए इसे निष्पक्ष, न्यायसंगत, पारदर्शी, पारस्परिक और समावेशी होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो ये दोनो पक्षों के लिये काफी फायदेमंद साबित होगा। सामानों को लेकर भारत और आसियान देशों के बीच समझौता 13 अगस्त 2009 को लागू हुआ था। आसियान के सदस्य देशों में इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, म्यामांर, कंबोडिया, ब्रूनेई और लाओस शामिल है। पीयूष गोयल ने इसके साथ ही कहा कि भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा वैक्सीन का निर्माण होता है, वहीं दवाओं के उत्पादन में भी भारत अग्रणी है और वो आसियान देशों में दवाओं और टीकों की आपूर्ति की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिये सहयोग के लिये तैयार है।  

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