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Hindi News पैसा बिज़नेस सस्ते मकानों पर भी लागू होगा हरित इमारत नियम, 40 करोड़ आबादी को इसकी जरूरत

सस्ते मकानों पर भी लागू होगा हरित इमारत नियम, 40 करोड़ आबादी को इसकी जरूरत

भारतीय हरित इमारत परिषद (आईजीबीसी) के चेयरमैन प्रेम सी. जैन ने सस्ते आवासों के निर्माण में भी हरित इमारत नियमों को अपनाने पर जोर दिया है।

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नई दिल्ली। भारतीय हरित इमारत परिषद (आईजीबीसी) के चेयरमैन प्रेम सी. जैन ने सस्ते आवासों के निर्माण में भी हरित इमारत नियमों को अपनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत की करीब 40 करोड़ आबादी की जरूरत सस्ते मकान हैं। परिषद ने इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं जिन्हें लागू किया जा रहा है।

जैन ने ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में चल रही एक प्रदर्शनी के दौरान, परिषद हरित सस्ता आवास कार्यक्रम लागू करने का काम कर रही है। इसमें हमने 300 वर्गफुट से 600 वर्गफुट के मकानों का प्रावधान किया है जिनकी 4-10 लाख रुपए तय बैठ सकती है।

  • जैन ने कहा कि परिषद ने इस संबंध में जो विनियम बनाए हैं और उनके मुताबिक ऐसे आवास रहने लायक हैबिटैटेबल होने आवश्यक हैं।
  • इन मकानों पर सरकारी योजना के तहत सब्सिडीशुदा ऋण भी उपलब्ध होगा ताकि कमजोर तबके के लोग भी घर खरीद सकें।
  • इसी के साथ परिषद का डेवलपरों के साथ मिलकर मिश्रित उपयोग के आधार पर सस्ते आवास बनाने का भी प्रयास है।
  • इससे एक ही आवासीय क्षेत्र में मध्यम वर्ग, उच्च वर्ग और निचले वर्ग के लोगों के आवास की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

परिषद के चेयरमैन जैन यहां प्लंबिंग, स्वच्छता, बाथरूम एवं रसोई में इस्तेमाल होने वाले पाइप एवं नल इत्यादि की एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी आईएसएच में स्लोन के स्टॉल का शुभारंभ करने आए थे। स्लोन परिषद का सदस्य है और अमेरिका की यह कंपनी नवोन्मेष आधारित बाथरूम फिटिंग का सामान बनाती है जो अपने पर्यावरण हितैषी और जल प्रबंधन करने वाले उत्पादों के लिए जानी जाती है।

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