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ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे भारत और इटली, ग्रीन हाइड्रोजन, गैस क्षेत्रों में काम करने की बनी सहमति

भारत ने सौर, पवन और अन्य स्रोतों से 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

<p>ऊर्जा के क्षेत्र में...- India TV Paisa Image Source : AP ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे भारत और इटली, ग्रीन हाइड्रोजन, गैस क्षेत्रों में काम करने की बनी सहमति

रोम/नयी दिल्ली। भारत और इटली के बीच हरित हाइड्रोजन के विकास, नवीकरणीय ऊर्जा गलियारे की स्थापना तथा प्राकृतिक गैस क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है। दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे बदलावों को लेकर अपनी भागीदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। रोम में जी20 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा इटली के उनके समकक्ष मारियो ड्रैगी के बीच पहली आमने-सामने की बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। 

वक्तव्य में कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच भारत और इटली की कंपनियों में ऊर्जा बदलाव से संबंधित क्षेत्रों में संयुक्त निवेश को प्रोत्साहन देने की सहमति बनी। दोनों नेता भारत में हरित हाइड्रोजन और संबंधित प्रौद्योगिकी के विकास और उसकी स्थापना के लिए ‘बातचीत’ शुरू करने को राजी हुए। 

मोदी और ड्रैगी ने भारत में बड़े आकार की हरित गलियारा परियोजना के लिए साथ मिलकर काम करने पर विचार किया। इसका मकसद भारत के 2030 तक 450 गीगावॉट की एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य का लाभ उठाना है। इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच प्राकृतिक गैस क्षेत्र, कॉर्बन घटाने के लिए प्रौद्योगिकी से संबंधित नवप्रवर्तन, स्मार्ट शहर और अन्य संबंधित क्षेत्रों में इटली और भारत की कंपनियों को संयुक्त परियोजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहन देने पर भी सहमति बनी। 

भारत ने सौर, पवन और अन्य स्रोतों से 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा भारत का अपने कुल ऊर्जा उपभोग में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल 2030 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी लक्ष्य है। इसके साथ ही भारत सभी स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहा है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए 30 अक्टूबर, 2017 को सहमति ज्ञापन के जरिये संयुक्त कार्यसमूह बनाया गया था। यह कार्यसमूह स्मार्ट शहर, मोबिलिटी और स्मार्ट ग्रिड जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावना तलाशेगा। 

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