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Hindi News पैसा बिज़नेस निर्यात पर सब्सिडी नहीं देता है भारत, विश्व व्यापार संगठन के प्रावधानों का करता है अनुपालन : प्रभु

निर्यात पर सब्सिडी नहीं देता है भारत, विश्व व्यापार संगठन के प्रावधानों का करता है अनुपालन : प्रभु

केंद्रीय वाणिज्य एवं नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत अपने निर्यात पर सब्सिडी नहीं देता है और इस तरह की अवधारणा गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन यदि यह संगठन नहीं रहा तो सभी देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

Suresh Prabhu- India TV Paisa Suresh Prabhu

कोलकाता केंद्रीय वाणिज्य एवं नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत अपने निर्यात पर सब्सिडी नहीं देता है और इस तरह की अवधारणा गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन यदि यह संगठन नहीं रहा तो सभी देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। फियो के एक कार्यक्रम में यहां निर्यातकों को संबोधित करते हुए प्रभु ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के कुछ सदस्य अब स्वीकार्य व्यापार नियमों पर ही सवाल उठा रहे हैं। वैश्विक व्यापर संगठन की वकालत करते हुए प्रभु ने कहा यदि डब्ल्यूटीओ नहीं रहा तो सभी देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

निर्यात पर सब्सिडी के मुद्दे पर प्रभु ने कहा कि उनकी सरकार केवल निर्यातकों की परेशानियों को दूरी करने का प्रयास कर रही है। ऐसा करना निर्यात को सब्सिडी देने के समान नहीं माना जाना चाहिए। प्रभु ने कहा कि यह पूरी तरह से गलतफहमी है कि हम निर्यात को सब्सिडी देते हैं। हम डब्ल्यूटीओ नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं और कहीं उनका उल्लंघन नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत यही मानता है कि डब्ल्यूटीओ बहुत जरूरी है क्योंकि यह वैश्विक व्यापार के नियमों की गारंटी देता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस विश्व व्यापार संगठन के भीतर भी सुधारों की जरूरत है। अमेरिका के साथ व्यापार विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि भारत मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ चीन के साथ भारी व्यापार घाटे को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत द्विपक्षीय स्तर पर कई व्यापार समझौते करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इनमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, आसियान, यूरोप, ब्रिटेन, मध्य एशिया, सुदूर पूर्व और चीन प्रमुख हैं।

प्रभु ने निर्यात क्षेत्र की फाइनेंसिंग को बेहतर बनाने के लिए इस क्षेत्र को कर्ज के मामले में प्राथमिक क्षेत्र का दर्जा दिए जाने पर जोर दिया।

प्रभु ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय पश्चिम बंगाल सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। पश्चिम बंगाल के भविष्य में आर्थिक गतिविधियों का बड़ केंद्र बनने की संभावनायें हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य प्रगति हासिल करे, इसके लिए हम मिलकर करेंगे।

उन्होंने कहा कि ओईसीडी देश अपने किसानों को विशेष रूप से कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए अधिक सब्सिडी दे रहे हैं। कृषि क्षेत्र के बारे में प्रभु ने कहा कि किसानों को बाजार पहुंच उपलब्ध करवाना महत्वपूर्ण है जिसके लिए सुरक्षा के उच्च मानकों की जरूरत होगी ताकि गैर-तटकर बाधाओं (एनटीबी) से पार पाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि नीति पर पहले ही काम कर रही है।

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