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Hindi News पैसा बिज़नेस 2018 के दौरान भारत ने हासिल किया सबसे ज्‍यादा विदेशों से धन, वर्ल्‍ड बैंक ने बताया भारतीयों ने भेजे 79 अरब डॉलर

2018 के दौरान भारत ने हासिल किया सबसे ज्‍यादा विदेशों से धन, वर्ल्‍ड बैंक ने बताया भारतीयों ने भेजे 79 अरब डॉलर

वर्ल्ड बैंक की माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ रिपोर्ट के नवीन संस्करण के मुताबिक, भारत के बाद चीन का नंबर आता है।

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वॉशिंगटन। विदेश से अपने देश में पैसे भेजने के मामले में भारतीय एक बार फिर सबसे आगे रहे हैं। 2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर भारत में भेजे हैं। वर्ल्‍ड बैंक ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। 

वर्ल्‍ड बैंक की माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ रिपोर्ट के नवीन संस्करण के मुताबिक, भारत के बाद चीन का नंबर आता है। चीन में उनके नागरिकों द्वारा 67 अरब डॉलर भेजा गया है। इसके बाद मैक्सिको (36 अरब डॉलर), फिलिपीन (34 अरब डॉलर) और मिस्त्र (29 अरब डॉलर) का स्थान है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बार फिर पहले पायदान पर रहने में कामयाब रहा है। पिछले तीन वर्ष में विदेश से भारत को भेजे गए धन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। यह 2016 में 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया था। 

वर्ल्‍ड बैंक ने कहा कि भारत को भेजे गए धन में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। केरल में आई बाढ़ के चलते प्रवासी भारतीयों के अपने परिवारों को ज्यादा आर्थिक मदद भेजने की उम्मीद है। सऊदी अरब से पूंजी प्रवाह में कमी के कारण पाकिस्तान में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन में गिरावट आई है। वहीं, बांग्लादेश में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे गए धन में 2018 में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, विकासशील देशों (कम एवं मध्यम आय वाले देश) को भेजा गया धन 2018 में 9.6 प्रतिशत बढ़कर 529 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह 2017 में 483 अरब डॉलर पर था। दुनिया भर के देशों में भेजा जाने वाला धन 2018 में 689 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2017 में यह 633 अरब डॉलर पर था। इसमें विकसित देशों में उनके नागरिकों द्वारा भेजा जाने वाला पैसा भी शामिल है। 

बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया में भेजी गई रकम 12 प्रतिशत बढ़कर 131 अरब डॉलर हो गई। वर्ल्‍ड बैंक ने कहा कि अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में तेजी के चलते धन प्रेषण में वृद्धि हुई है। जिसका खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के कुछ देशों से निकासी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। 

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