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Hindi News पैसा बिज़नेस अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत, अगले वित्त वर्ष में 6% वृद्धि की उम्मीद: नीति आयोग उपाध्यक्ष

अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत, अगले वित्त वर्ष में 6% वृद्धि की उम्मीद: नीति आयोग उपाध्यक्ष

कई सेक्टर में कारोबार कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचने से उम्मीद बढ़ी

<p>Niti Aayog VC on economy</p>- India TV Paisa Image Source : PTI (FILE) Niti Aayog VC on economy

नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही से पूरी तरह रिकवरी शुरू होने लगेगी और अगले वित्त वर्ष में इसमें 6 प्रतिशत की वृद्धि आ सकती है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में सुधार दिख रहे हैं और उनमें कारोबार कोविड-19 के पूर्व स्तर पर आ गये हैं। कुमार ने यह भी उम्मीद जतायी कि महानगरों में कोविड-19 महामारी घटनी शुरू होगी और उनकी आर्थिक गतिविधियां आगामी तिमाही में सामान्य हो जाएगी। उन्होंने ट्विटर ‘लाइव सेसन’ में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि चौथी तिमाही से अर्थव्यवस्था में पूर्ण रूप से सुधार आना शुरू हो जाएगा और सकारात्मक वृद्धि होगी। और अगले वित्त वर्ष से इसमें 6 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि कई क्षेत्रों में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप गौर करें, 15-16 क्षेत्रों में कारोबार कोविड पूर्व के स्तर पर आ गये हैं।’’ कुमार ने कहा कि भारत के लिये कोविड-19 महामारी का समय दुर्भाग्यपूर्ण रहा क्योंकि उस समय अर्थव्यवस्था में 2019-20 की चौथी तिमाही में तेजी लौट रही थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘4.5 प्रतिशत की निम्न वृद्धि दर के बाद हमारी अर्थव्यवस्था में 2019-20 की चौथी तिमाही में तेजी आने लगी थी लेकिन कोविड-19 का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उल्लेखनीय नकारात्मक प्रभाव पड़ा।’’ कुमार ने कहा, ‘‘और जो गिरावट आयी, उसे कोविड-19 के कारण पलटा नहीं जा सका।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मांग को बढ़ाने के लिये सरकर की तरफ से एक और प्रोत्साहन पैकेज की संभावना हमेशा है। कुमार ने कहा, ‘‘सरकार निवेश में तेजी लाने और मांग को बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन पैकेज देने पर गौर कर सकती है।’’ कोविड-19 के बाद भारत के समक्ष चुनौतियों से जुड़े सवाल पर कुमार ने कहा कि देश को जरूरी संरचनात्मक सुधारों को क्रियान्वित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि रिकवरी यथासंभव तेजी से और टिकाऊ हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ वैश्विक संस्थानों और नियमनों में जरूरी बदलाव लाने को लेकर भारत को दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना होगा। इसका कारण उनमें से कुछ निकाय और नियमन अब उतने प्रभावी नहीं रहे। कुमार ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर भी गठजोड़ करना होगा क्योंकि कोविड-19 के बाद प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर उतार-चढ़ाव का कई देशों पर अनपेक्षित प्रभाव पड़ सकता है।

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