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भारत की अर्थव्यवस्था में अनुमान से तेज रिकवरी होने की उम्मीद: Barclays

रिपोर्ट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने अनुमानों में बदलाव करते हुए कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 6.4 फीसदी की दर से गिरावट दर्ज कर सकती है। इससे पहले 6 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया गया था। वहीं बार्कलेज ने दूसरी तिमाही में 8.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है

<p>घरेलू अर्थव्यवस्था...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE घरेलू अर्थव्यवस्था में अनुमान से तेज रिकवरी संभव

नई दिल्ली। इनवेस्टमेंट बैंक बार्कलेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए साल 2021-22 का ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 8.5 फीसदी कर दिया है, जो कि पहले 7 फीसदी था। बार्कलेज के मुताबिक घरेलू अर्थव्यवस्था अनुमानों के मुकाबले ज्यादा तेजी के साथ सामान्य हो रही है। एक नोट में बार्कलेज ने लिखा कि भारत की जनता के एक बड़े हिस्से में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित होने के संकेतों और वैक्सीन के निकट भविष्य में लोगों तक पहुंचने की उम्मीद से घरेलू अर्थव्यवस्था की रिकवरी मजबूत रहेगी।  

हालांकि ब्रोकरेज ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने अनुमानों में बदलाव करते हुए कहा है कि इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 6.4 फीसदी की दर से गिरावट दर्ज कर सकती है। इससे पहले 6 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया गया था। वहीं बार्कलेज ने दूसरी तिमाही में 8.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है, जो कि रिजर्व बैंक के अनुमानों के करीब ही है। पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ने अनुमान दिया था कि दूसरी तिमाही में जीडीपी 8.6 फीसदी की गिरावट दर्ज कर सकती है। वहीं बार्कलेज ने अनुमान दिया है कि घरेलू अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही से बढ़त देखने को मिलेगी। वहीं रिजर्व बैंक का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में चौथी तिमाही से बढ़त दर्ज होगी। पिछले महीने ही रॉयटर्स के द्वारा अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वे के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था तेज गिरावट दर्ज करने के बाद अगले वित्त वर्ष में 9 फीसदी की तेज ग्रोथ दर्ज कर सकती है।

फेस्टिव सीजन के साथ कई कंपनियों ने बिक्री के बेहतर आंकड़े दिए हैं, हीरो मोटोकॉर्प ने महामारी के असर के बीच भी पिछले फेस्टिव सीजन के बराबर बिक्री दर्ज की है। वहीं आज टाइटन ने भी अच्छे कारोबार की बात कही है। वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा मिले संकेत भी कारोबार के तेजी के साथ पटरी पर लौटने की तरफ इशारा कर रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

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