जल्द दौड़ेगी देश की पहली पॉड टैक्सी, सुरक्षा के लिए अपनाए जाएंगे अमेरिकी तौर-तरीके
भारत में पॉड टैक्सी के लिए अमेरिकी निकाय के नियमों की तर्ज पर कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। पॉड टैक्सी योजना को पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) के नाम से भी जाना जाता है।

नई दिल्ली। देश की पहली बहुप्रतीक्षित पॉड टैक्सी वास्तविकता बनने की ओर एक कदम और बढ़ गई है। एक उच्चस्तरीय समिति ने इसके लिए नए सिरे से बोलियां मंगाने की सिफारिश की है। भारत में पॉड टैक्सी के लिए अमेरिकी निकाय के नियमों की तर्ज पर कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। पॉड टैक्सी योजना को पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) के नाम से भी जाना जाता है। 4,000 करोड़ रुपए की यह परियोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को इस योजना को दिल्ली-गुड़गांव गलियारे (12.30 किलोमीटर) में क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह परियोजना सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर लागू की जाएगी। परिवहन विशेषज्ञ एसके धर्माधिकारी की अगुवाई वाली समिति ने इसके लिए नए सिरे से रुचि पत्र (ईओआई) जारी करने को कहा है। इसमें ऑटोमेटेड पीपल मूवर्स (एपीएम) मानकों और खूबियो के अलावा नीति आयोग की सिफारिशों से सामान्य सुरक्षा मानकों को शामिल किया जाएगा। इस पांच सदस्यीय समिति का गठन पीआरटी के तकनीकी और सुरक्षा मानकों के विश्लेषण लिए किया गया है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में नीति आयोग द्वारा कुछ आपत्तियों की वजह से विलंब हुआ है। आयोग ने राजमार्ग मंत्रालय से कहा है कि वह शुरुआती बोली लगाने वाली कंपनियों से एक किलोमीटर का पायलट मार्ग तैयार करने को कहे क्योंकि इसके बारे में सभी प्रौद्योगिकियों की अभी तक परख नहीं हुई है। इसके बाद देरी उच्चस्तरीय समिति के गठन की वजह से हुई। इस समिति को सुरक्षा और अन्य चीजों को तय करना है।
गडकरी ने कहा कि अब सभी बाधाएं दूर हो गई हैं, हम जल्द पॉड टैक्सी परियोजना के लिए निविदा जारी करेंगे। समिति की सिफारिशों के अनुरूप सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जाएगा। यह धौला कुआं-मानेसर मार्ग पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए एक प्रमुख कदम होगा और इससे परिवहन में क्रांति आएगी।