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Hindi News पैसा बिज़नेस Lockdown:विनिर्माण गतिविधियों का PMI अप्रैल में रिकॉर्ड निचले स्तर 27.4 पर आया,कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी

Lockdown:विनिर्माण गतिविधियों का PMI अप्रैल में रिकॉर्ड निचले स्तर 27.4 पर आया,कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी

कारखाने बंद रहने के चलते कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की, जो सर्वेक्षण के इतिहास में रोजगार में आई सबसे तेज गिरावट है।

India's manufacturing sector activity hits record low in April amid lockdown- India TV Paisa India's manufacturing sector activity hits record low in April amid lockdown

नई दिल्‍ली। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अप्रैल में घरेलू विनिर्माण गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर रहीं। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी देखी गई और नए ऑर्डर भी डूब गए। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई विनिर्माण) अप्रैल में गिरकर 27.4 अंक रह गया। यह मार्च में 51.8 अंक था। कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच पिछले 15 साल से किए जा रहे इस सर्वेक्षण के इतिहास में यह कारोबारी गतिविधियों में सबसे तेज गिरावट को दर्शाता है, जबकि पिछले 32 महीनों से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार तेजी का रुख बरकरार बना हुआ था।

पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना कारोबारी गतिविधियों में विस्तार जबकि उसके नीचे रहना गतिविधियों के कमजोर पड़ने को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन की वजह से बड़े पैमाने पर उद्योग बंद रहे। इसके चलते विनिर्माण गतिविधियों पर अप्रैल में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। पिछले ढाई साल में नए ऑर्डरों में पहली बार गिरावट रही। यह पिछले 15 साल में आई सबसे तेज गिरावट है।

आईएसएस मार्किट से जुड़े अर्थशास्त्री इलियट केर के मुताबिक  मार्च में विनिमार्ण गतिविधियां अपेक्षाकृत निष्प्रभावी बनी रहीं, लेकिन अप्रैल में क्षेत्र पर कोरोना वायरस संकट का असर साफ देखा गया। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के चलते कारखाने अस्थायी तौर पर बंद रहे। इससे उत्पादन का स्तर इतने नीचे चला गया। निर्यात ऑर्डरों में अक्टूबर 2017 के बाद पहली बार गिरावट मार्च में देखी गई। जो अप्रैल में और तेज गति से गिरी।

कंपनियों की मांग गिरने से अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में भी कटौती देखी गई। कारखाने बंद रहने के चलते कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की, जो सर्वेक्षण के इतिहास में रोजगार में आई सबसे तेज गिरावट है। हालांकि रिपोर्ट में सालभर के लिए मांग में सुधार का परिदृश्य रखा गया है। कोरोना वायरस संकट से उबरने के बाद में बाजार में मांग ठीक होने की उम्मीद जताई गई है। 

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