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Hindi News पैसा बिज़नेस Covid-19 के प्रभाव से रेलवे को उबरने में लगेगा अभी बहुत समय, जानिए यात्रियों के लिए कबसे शुरू होगी फुल सर्विस

Covid-19 के प्रभाव से रेलवे को उबरने में लगेगा अभी बहुत समय, जानिए यात्रियों के लिए कबसे शुरू होगी फुल सर्विस

अध्ययन के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2023-24 के बीच रेलवे की आय की वार्षिक वृद्धि दर 10-12 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

Know Indian Railways when resume full passenger service- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Know Indian Railways when resume full passenger service

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से भारतीय रेलवे को पूरी तरह से उबरने में अभी लंबा समय लगेगा। एक अध्‍ययन के मुताबिक रेलवे को माल ढुलाई से प्राप्त होने वाला राजस्व अगले चार से पांच महीने में कोविड-19 महामारी के असर से उबर सकता है। हालांकि यात्री भाड़ा से होने वाली आय को संकट से उबरने में नौ महीने से अधिक समय लग सकता है। इसका मतलब है कि रेलवे को यात्रियों की लिए अपनी पूर्ण सेवा शुरू करने में अभी 9 महीने लग सकते हैं।

प्रबंधन परामर्श कंपनी प्रैक्सिस ग्लोबल एलायंस तथा विनिर्माण उत्पादों व सेवाओं के लिए बी-टू-बी मार्केटप्लेस जेटवर्क ने परिवहन क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया, जिसमें ये अनुमान सामने आया है। अध्ययन के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2023-24 के बीच रेलवे की आय की वार्षिक वृद्धि दर 10-12 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। अध्ययन में यह भी कहा गया कि महामारी के कारण कुछ नई परियोजनाएं बजट संबंधी बाधाओं के कारण विलंबित हो सकती हैं और मौजूदा परियोजनाओं को भी मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण कुछ समय के लिए विलंबित किया जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि माल ढुलाई राजस्व 4-5 महीनों के भीतर ठीक होने की उम्मीद है, लेकिन यात्री राजस्व पूरी तरह से ठीक होने में 9 महीने से अधिक समय ले सकता है। कोविड​​-19 अल्प समय के लिए कच्चे माल, उपकरण, श्रम उपलब्धता और कार्यशील पूंजी को प्रभावित करेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति श्रृंखला लिंकेज और साइटों पर कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति मार्च 2021 तक स्थितियों के संभावित रूप से सामान्य होने पर दुरुस्त होने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट, रेलवे आधुनिकीकरण के पूंजीगत व्यय के प्रभाव की भी परिकल्पना करता है, जिससे स्टेशन के आधुनिकीकरण के काम में देरी होगी और नए रोलिंग स्टॉक की खरीद में भी देर हो सकती है। इसने परियोजना की देरी के कारण लागत वृद्धि की चिंताओं को भी उठाया गया है जो मार्जिन को प्रभावित करेगा। रेलवे ने कहा कि इस बीच पिछले सितंबर की तुलना में इस बार कमाई 129.68 करोड़ रुपए अधिक है।

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