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सरकार का पसंदीदा बैंक है SBI, नौकरी में छंटनियों और वेतन में कटौती का बैंकिंग कारोबार पर नहीं पड़ेगा असर

बैंक लॉकडाउन के दौरान 98 प्रतिशत शाखाओं के संचालन के साथ-साथ 91 प्रतिशत वैकल्पिक चैनल संचालन क्षमता हासिल करने में सक्षम था।

Likely job cuts, salary reductions to have relatively low impact on SBI- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Likely job cuts, salary reductions to have relatively low impact on SBI

नई दिल्‍ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शेयरधारकों को आश्वासन दिया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वेतन में संभावित कटौतियों और छंटनियों का भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ऋण  कारोबार पर अपेक्षाकृत कम दबाव होगा। उन्होंने शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि बैंक के पास सरकारी और अर्द्ध सरकारी क्षेत्र का ठीक-ठाक कारोबार है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि एसबीआई पारंपरिक रूप से भारत सरकार के लिए पसंदीदा बैंकर रहा है और केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों व विभागों के लिए एक मान्यता प्राप्त बैंकर है। इस कारण वेतन कटौतियों और छंटनियों का बैंक के कारोबार पर तुलनात्मक कम असर होगा।

उन्होंने इस बात का विश्वास व्यक्त किया कि आर्थिक दिक्कतों के बावजूद एसबीआई द्वारा 2019-20 में हासिल किया गया मजबूत प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा। एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि आर्थिक दिक्कतों के बावजूद बैंक कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। मुझे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019-20 में हासिल किया गया बेहतर प्रदर्शन वित्त वर्ष 2020-21 में भी जारी रहेगा।

कुमार ने माना कि कोरोना वायरस महामारी का कारोबार पर पूरा असर चालू वित्त वर्ष में ही देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बैंक के दृष्टिकोण से, कोविड महामारी के वास्तविक प्रभाव को लेकर बैंक के ग्राहकों के व्यवहार पर प्रभाव और पोर्टफोलियो की संरचना पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिण्‍ नौकरी में संभावित छंटनियों और वेतन में कटौती का एसबीआई के कारोबार पर अपेक्षाकृत कम असर होगा, क्योंकि बैंक के पास सरकारी व अर्ध सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों अनुपात अधिक है।

कुमार ने कहा कि अभी तक केवल 21. 8 प्रतिशत ग्राहकों ने ही कर्ज की किस्तें चुकाने में मोहलत (मोराटोरियम) का लाभ उठाया है। इसके अलावा, बैंक लॉकडाउन के दौरान 98 प्रतिशत शाखाओं के संचालन के साथ-साथ 91 प्रतिशत वैकल्पिक चैनल संचालन क्षमता हासिल करने में सक्षम था। फिर भी, व्यवधानों को प्रबंधित करने के लिए एक विस्तृत व्यापार निरंतरता योजना (बीसीपी) आवश्यक है।

रिपोर्ट में कहा गया कि एसबीआई भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ई-गवर्नेंस की पहल में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, और केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए ई-समाधान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एसबीआई का कुल सरकारी कारोबार 52,62,643 करोड़ रुपए था। बैंक ने 2019-20 में अपना सबसे अधिक वार्षिक शुद्ध लाभ 14,488 करोड़ रुपए दर्ज किया। 2018-19 के दौरान शुद्ध लाभ 862 करोड़ रुपए था। कुमार ने यह भी कहा कि महामारी ने ग्राहकों की पसंद को बदल दिया है और यह बैंक के लिए एक बड़ा अवसर है क्योंकि बैंकिंग लेन-देन करने के लिए डिजिटल चैनलों की स्वीकार्यता अब अधिक है।

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