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घुटना प्रतिरोपण के मरीजों को राहत, सरकार ने अधिकतम कीमत की सीमा को एक साल के लिये बरकरार रखा

सरकार ने घुटना प्रतिरोपण के लिये अधिकतम मूल्य को और एक वर्ष के लिये पहले के स्तर पर ही बरकरार रखा है।

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नई दिल्ली। सरकार ने घुटना प्रतिरोपण के लिये अधिकतम मूल्य को और एक वर्ष के लिये पहले के स्तर पर ही बरकरार रखा है। उस दौरान, घुटना प्रतिरोपण (नी इम्प्लांट) की मूल्य सीमा 54,000 रुपये से 1.14 लाख रुपये के बीच निर्धारित की गयी थी। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने घुटना प्रतिरोपण के मरीजों को राहत देते हुये मूल्य सीमा को एक वर्ष के लिये और बढ़ा दिया है।

एनपीपीए ने अधिसूचना में कहा, "रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय के अधीन एनपीपीए ने 16 अगस्त, 2017 को घुटना प्रतिरोपण के लिये निर्धारित की गयी मूल्य सीमा को एक वर्ष के लिये और बढ़ा दिया है।" पिछले वर्ष सरकार ने घुटना प्रतिरोपण की लागत में महत्वपूर्ण रूप से कमी की थी। नई मूल्य प्रणाली के तहत एनपीएए ने क्रोमियम कोबाल्ट नी इम्प्लांट का अधिकतम मूल्य 54,720 रुपये निर्धारित किया था, इससे पहले इसकी कीमत 1.58 लाख रुपये से ढाई लाख रुपये तक होती थी।

विशेष धातु टाइटेनियम और ऑक्सीडाइज्ड जिरकोनियम का एमआरपी 76,600 रुपये निर्धारित किया गया था। इसके ऊपर जीएसटी लगेगा। इससे पहले इसकी कीमत 2,49,251 रुपये आती थी। हाई फ्लेक्सिबिलिटी इम्प्लांट का एमआरपी 56,490 रुपये और जीएसटी अलग से निर्धारित किया गया था, जो कि पहले से 69 प्रतिशत कम है। पहले इसकी औसत एमआरपी 1,81,728 करोड़ रुपये थी।

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