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Hindi News पैसा बिज़नेस कंपनियों के लिए सालाना रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ी, एयर एशिया के यात्रियों की संख्या बढ़ी

कंपनियों के लिए सालाना रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ी, एयर एशिया के यात्रियों की संख्या बढ़ी

कंपनी कानून के तहत कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को दी जाने वाली सालाना रिटर्न और वित्तीय जानकारियों के लिए समयसीमा को एक माह बढ़ा दिया गया है।

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नई दिल्ली। कंपनी कानून के तहत कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को दी जाने वाली सालाना रिटर्न और वित्तीय जानकारियों के लिए समयसीमा को एक माह बढ़ा दिया गया है। कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनियों के लिए उनकी सालाना रिटर्न दाखिल करने और वित्तीय लेखा जोखा सौंपने के लिये समय सीमा को बढ़ाकर 29 नवंबर कर दिया है।

  • सरकार ने यह कार्य विभिन्न पक्षकारों से इस संबंध में ज्ञापन मिलने के बाद यह कदम उठाया है।
  • कंपनियों के लिए इन जानकारियों को सौंपने की समयसीमा इसी महीने समाप्त हो रही थी।
  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से इस संबंध में ज्ञापन मिलने के बाद सालाना रिटर्न सौंपने की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कंपनियों को अपनी सालाना रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक तरीके से एमजीटी-7 फार्म और वित्तीय लेखाजोखा एओसी-4 में भरना होता है।
  • कंपनियों को यह जानकारी अब मंत्रालय को 29 नवंबर 2016 तक देनी होगी।

एयर एशिया इंडिया के यात्रियों की संख्या में 42 प्रतिशत इजाफा

  • एयर एशिया इंडिया से जुलाई-सितंबर के बीच यात्रा करने वालों की संख्या 5.89 लाख रही।
  • पिछले साल इसी अवधि के यात्रियों की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है।
  • एयर एशिया टाटा संस और मलेशिया की सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी एयर एशिया बरहाद का एक संयुक्त उपक्रम है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस तिमाही में उसने तीन नए मार्गों पर उड़ान सेवा शुरू की जबकि उसकी कुल सीटों की संख्या 23 प्रतिशत बढ़कर 6.72 लाख हो गई।

जनवरी में जारी होगी अरहर की नई किस्म पूसा-16: जेटली 

  • सरकार ने कहा कि वह कम अवधि में तैयार होने वाली अरहर की नई किस्म पूसा-16 जनवरी तक जारी करेगी।
  • अरहर की इस नयी किस्म की प्रायोगिक खेती चल रही है।
  • देश में अरहर का उत्पादन मांग से कम है इसका उत्पादन और आपूर्ति बढाने का लक्ष्य है।
  • इसके तहत दलहनों की जल्दी तैयार होने वाली और अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास का प्रयास किया जा रहा है।
  • नई किस्म की अरह से अगले तीन साल में देश को दालों के मामले में आत्म निर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी।

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