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Mughal Gardens 2020: 5 फरवरी से खुलेगा मुगल गार्डन, फ्री में ऑनलाइन कराएं रजिस्ट्रेशन

राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन गहरे रंग के गुलाबों, सफेद डेजी और ट्यूलिप की लंबी कतारों के साथ अपने वार्षिक 'उद्यानोत्सव' से वसंत का स्वागत करने को तैयार है।

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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन गहरे रंग के गुलाबों, सफेद डेजी और ट्यूलिप की लंबी कतारों के साथ अपने वार्षिक 'उद्यानोत्सव' से वसंत का स्वागत करने को तैयार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 4 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन के वार्षिक ‘उद्यानोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित यह आकर्षक उद्यान आम जनता के लिए 5 फरवरी से 8 मार्च तक खुल जाएगा। राष्ट्रपति उद्यान के अधीक्षक पी. एन. जोशी ने रविवार को घोषणा की। इस बार लगभग 10,000 की संख्या में ट्यूलिप, 138 तरह के गुलाब और 70 तरह के लगभग 5000 मौसमी फूल आगंतुकों का स्वागत करेंगे। राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन मुगल गार्डन 5 फरवरी से 8 मार्च तक सुबह 10 बजे से सायं 4 बजे तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। हालांकि, मुगल गार्डन रखरखाव के मद्देनजर प्रत्येक सोमवार बंद रहेगा। 

अपने दुर्लभ और आकर्षक गुलाबों के लिए प्रसिद्ध इस उद्यान का इस बार मुख्य आकर्षण 'ग्रेस द मोनाको' नामक गुलाब होगा। पिछले साल मोनाको के प्रिन्स एल्बर्ट द्वितीय ने उद्यान में इस गुलाब को रोपा था। इस पुष्प प्रदर्शनी में प्रख्यात लोग जैसे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मदर टेरेसा, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, महारानी एलिजाबेथ और पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर विभिन्न प्रकार के गुलाबों के नाम रखे गए हैं। मुगल गार्डन के भीतर कुल 12 अलग-अलग गार्डन स्थित हैं जो अपनी खास गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें मुख्य रूप से मुगल गार्डन जो रेक्टेंगिल, लॉन व सर्कुलर तीन हिस्सों में बंटा है।

प्रवेश के लिए ऐसे कराएं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

राष्ट्रपति भवन की बेवसाइट https://rashtrapatisachivalaya.gov.in और एक्सप्लोर एंड टूर लिंक पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है जो पूरी तरह से निःशुल्क है। ऑनलाइन बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर अनिवार्य है और एक मोबाइल नंबर से केवल एक बुकिंग की अनुमति है। जिन आगंतुकों ने ऑनलाइन बुकिंग की है, उन्हें पहचान पत्र के साथ आगंतुक प्रवेश पत्र (पेपर प्रिंट या मोबाइल पास) ले जाना होगा।

बता दें कि, यदि आप मुगल गार्डन देखने का प्लान बना रहे हैं तो बेहतर होगा अपनी गाड़ी की बजाए केंद्रीय सचिवालय तक मेट्रो से जाएं या फिर केंद्रीय टर्मिनल तक जाने वाली बस से पहुंचे। वहां से गार्डन में प्रवेश में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। मुगल गार्डन में चर्च रोड की तरफ गेट संख्या 35 से प्रवेश व निकासी का प्रबंध होगा।

11 मार्च को विशेष श्रेणी आगंतुकों के लिए खुलेगा

मुगल गार्डन 11 मार्च को विशेष श्रेणी के आगंतुकों जैसे किसानों, दिव्यांगजनों, रक्षा व अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस कर्मियों के लिए ही खुलेगा। प्रवेश और निकास गेट नंबर 35 के माध्यम से ही होगा। 11 मार्च को सुबह 11 बजे से सायं 4 बजे तक दृष्टिबाधितों के लिए हर्बल (टैक्टाइल) गार्डन विशेष रूप से खुला रहेगा। उनके प्रवेश और निकास की व्यवस्था चर्च रोड (नॉर्थ एवेन्यू के बगल में) पर स्थित द्वार संख्या 12 से होगी।

आगुंतकों को सुविधाएं

देश और विदेश से मुगल गार्डन देखने के लिए आने वाले लोगों के लिए पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों के लिए विश्राम कक्ष की व्यवस्था की गई है। यहां वह स्प्रिचयुल गार्डन, हर्बल गार्डन, बोनसाई गार्डन और म्यूजिकल गार्डन भी जा सकेंगे। मुगल गार्डन में आने वाले लोग यहां स्प्रिचुअल गार्डन, हर्बल गार्डन, बोनसाई गार्डन और म्यूजिकल गार्डन का भी लुत्फ उठा सकेंगे।

प्रसिद्ध हस्तियों के अलावा यहां गुलाबों को 'क्रिस्चियन डीयोर', 'अमेरिकन हेरिटेज', 'फर्स्ट प्राइज', 'किस ऑफ फायर' और 'डबल डिलाइट' जैसे अनोखे नाम दिए गए हैं। यहां आगंतुकों को कुछ बहुत ही दुर्लभ प्रकार के गुलाब जैसे पतली और लंबी हरी पंखुड़ियों वाला 'ग्रीन रोज', लगभग काली बनावट वाला 'ओक्लाहोमा' और 'बोनन्वी' और हल्की नीली छटा वाला 'ब्लू मून' और 'लेडी एक्स' देखने को मिलेगा। यह बगीचा 'नार्सिसस', 'डहेलिया', 'स्पैराक्सिस', 'रानुन्यूकुलस', 'ह्यसिंथ' और 'एशियाटिक लिली' जैसे विभिन्न प्रकार के बल्बनुमा फूलों से ढंका हुआ है। चाय के कप के आकार वाले ट्यूलिप मुगल गार्डन की पहचान हैं विशेषकर 'जम्मू पिंक' ट्यूलिप जो अपने चमकीले गुलाबी रंगों के कारण दूर से ही पहचान लिए जाते हैं। 

पिछले वर्ष मुगल गार्डन में आगंतुकों की संख्या 5.18 लाख थी और 2003 से हर साल तीन से छह लाख लोग यहां निश्चित रूप से आते हैं। जोशी ने को बताया कि अधिक लोगों के आने से कभी कभी समस्याएं भी होती हैं जैसे कभी-कभी बिना उचित निर्देशों के बच्चे फूल तोड़ने लगते हैं। उन्होंने बताया कि जहां आवश्यकता होगी वहां सुरक्षा तैनात की जाएगी, बैरिकेड्स लगाए जाएंगे और उद्यान को नुकसान पहुंचाने वालों पर नजर रखी जाएगी। बागीचे को संभालना बहुत मुश्किल काम है। इसको इसके आकार में बनाए रखने के लिए बहुत समय और मेहनत लगती है। 

आजादी मिलने से पहले सर एडविन लुटियंस की परिकल्पना का साकार रूप 'मुगल गार्डन' राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में कुल 15 एकड़ में स्थित है। जमीं के जन्नत जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन से प्रभावित होकर इसे बनाया गया। जम्मू-कश्मीर के मुगल उद्यानों और ताजमहल के आसपास के बगीचे के साथ-साथ फारसी और भारतीय लघु चित्रों से प्रेरित, मुगल गार्डन को एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था। इसमें ब्रिटिश उद्यान कला के कई तत्व देखने को मिलते हैं। बेल्वेदर इस्टेट कोलकाता से लाई गई “दूब” घास से ढंका हुआ लॉन में बहुतायत से मौलसारी, साइप्रस और चाइना ऑरेंज जैसे पेड़ बड़े करीने से लगाए गए हैं। आगंतुक बगीचे के तीन हिस्सों चतुर्भुज, लंबे और गोल हिस्से के अलावा- आध्यात्मिक उद्यान, हर्बल गार्डन और बोन्साई उद्यान भी देख सकेंगे। मुगल गार्डन जाने पर, लोग राष्ट्रपति भवन संग्रहालय भी देख सकते हैं। संग्रहाल में बगीचे की अभिलेखीय तस्वीरें और चित्र लगाए गए हैं। उद्यान पांच फरवरी से आठ मार्च तक सोमवार के अलावा पूरे हफ्ते भर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक खुला रहेगा। 

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