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नए कृषि कानूनों से मंडियों और एमएसपी पर कोई असर नहीं होगा: कृषि मंत्री

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की ट्वीट पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि उनके सामने गलत तथ्य रखे गए हैं। पवार ने कहा था कि नए कानून से एमएसपी और मंडियां खत्म होंगी

<p>एमएसपी और मंडियों पर...- India TV Paisa Image Source : PTI एमएसपी और मंडियों पर असर नहीं

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि नए कृषि सुधार से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और एपीएमसी मंडियों पर कोई असर नहीं होगा। पूर्व कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के बयान पर मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री तोमर ने कहा कि नई व्यवस्था में मंडियां प्रभावित नहीं होंगी। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने एक दिन पहले सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए नए कृषि कानूनों में खामियां गिनाते हुए कहा था कि इन कानूनों से एमएसपी पर असर होगा और मंडियां भी प्रभावित होंगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी नए कृषि कानूनों पर पवार के विचारों का खंडन करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने कहा, "शरद पवार जी वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। वे कृषि से जुड़े मुद्दों और उनके समाधान से भलीभांति वाकिफ हैं। पूर्व में उन्होंने भी कृषि संबंधी सुधारों को लाने की पुरजोर कोशिश की थी।"

तोमर ने ट्वीट्स की एक सीरीज के जरिए नए कृषि कानूनों से जुड़े तथ्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, "नई व्यवस्था में मंडियां प्रभावित नहीं हो रही हैं। इसके स्थान पर मंडियां अब ज्यादा प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी और दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए एक साथ समान रूप से क्रियाशील रहेंगी।"

तोमर ने एक और ट्वीट में कहा, "चूंकि पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं। अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे।"

केंद्र सरकार ने कृषि सुधार के मकसद से पिछले साल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 लागू किए। मगर, इन कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बहरहाल इनके अमल पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक समिति इन कानूनों पर देशभर के किसानों व किसान संगठनों से उनके सुझाव व आपत्तियां जानने के लिए उनसे बात कर रही हैं। आंदोलन की राह पकड़े किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। किसान यूनियनों के नेताओं से सरकार 11 दौर की वार्ताएं कर चुकी है। सरकार ने किसान यूनियनों को नए कानूनों के कार्यान्वयन को 18 महीने के लिए स्थगित करके किसानों से जुड़े सभी मसलों का समाधान करने के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है।

 

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