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सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा, बैड बैंक की स्‍थापना पर हो रही है चर्चा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्‍त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है।

सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा, बैड बैंक की स्‍थापना पर हो रही है चर्चा- India TV Paisa सरकारी बैंकों का NPA अप्रैल-दिसंबर में एक लाख करोड़ रुपए बढ़ा, बैड बैंक की स्‍थापना पर हो रही है चर्चा

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्‍त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है। इसमें ज्यादातर ऋण बिजली, इस्पात, सड़क, आधारभूत ढांचा और कपड़ा क्षेत्रों से जुड़ा है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल अवरुद्ध ऋण वर्ष 2015-16 के अंत तक 5,02,068 करोड़ रुपए का था। वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 31 दिसंबर 2016 तक अवरुद्ध ऋण एक लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़कर 6,06,911 करोड़ रुपए हो गया।

  • वर्ष 2014-15 के अंत में अवरुद्ध ऋण 2,67,065 करोड़ रुपए था।
  • वहीं दूसरी ओर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्‍त वर्ष की चौथी तिमाही में बैंकों के एनपीए में कमी आने का रुझान दिखाई दे रहा है।
  • उन्‍होंने कहा कि बैड बैंक का प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन है। उन्‍होंने कहा कि एनपीए से निपटना एक चुनौतीभरा काम है।

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