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Hindi News पैसा बिज़नेस ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के बचत खाताधारकों को हर महीने मिलेगा ब्याज

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के बचत खाताधारकों को हर महीने मिलेगा ब्याज

सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने अपने बचत खाताधारकों को मासिक आधार पर ब्याज देना शुरू कर दिया है।

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के बचत खाताधारकों के लिए खुशखबरी, अब हर महीने मिलेगा ब्याज- India TV Paisa ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के बचत खाताधारकों के लिए खुशखबरी, अब हर महीने मिलेगा ब्याज

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने अपने बचत खाताधारकों को मासिक आधार पर ब्याज देना शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह परामर्श दिया था कि वे छोटी अवधि में लोगों के खाते में ब्याज डालें और इसके करीब एक महीने बाद बैंक ने यह कदम उठाया है।

ओबीसी ने एक बयान में कहा है कि बैंक ने अप्रैल 2016 से मासिक आधार पर बचत बैंक खाते में ब्याज डालना शुरू कर दिया है। बैंक ने दावा किया कि वह उन पहले कुछ बैंकों में शामिल है, जो यह लाभ बचत खाताधारकों को दे रहा है। पिछले महीने रिजर्व बैंक ने बैंकों से बचत बैंक खाते पर तिमाही आधार या छोटी अवधि में ब्याज देने को कहा था। फिलहाल ब्याज बचत बैंक खाते में छमाही आधार पर दिया जाता है। एक अप्रैल 2010 से बचत बैंक खाते पर ब्याज दर का आकलन दैनिक आधार पर किया जा रहा है। जहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बचत जमा पर 4.0 फीसदी ब्याज देते हैं, वहीं निजी क्षेत्र के बैंक 6.0 फीसदी तक ब्याज की पेशकश कर रहे हैं।

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आरबीआई ने 3 मार्च को जारी अपने मास्‍टर सर्कुलर में कहा है कि घरेलू बचत खाता जमा पर ब्‍याज का भुगतान तिमाही या इससे कम अवधि में किया जाना चाहिए।  वर्ष 2011 में आरबीआई ने वाणिज्यिक बैंकों को बचत खाता जमा पर दिए जाने वाले ब्‍याज को तय करने के लिए स्‍वतंत्र कर दिया था। नियंत्रित ब्याज दर परिवेश की समाप्ति का यह आखिरी फैसला था।  बैंकों को यह आजादी दिए जाने के साथ रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि एक लाख रुपए तक की जमा पर समान ब्याज दर की पेशकश की जानी चाहिए। इससे अधिक राशि की जमा पर बैंकों को अलग-अलग ब्याज देने की अनुमति होगी। विश्लेषकों के अनुसार जितनी कम अवधि होगी उतना ही जमा रखने वालों को फायदा होगा। बैंकों को ग्राहकों को अधिक राशि देनी होगी। एक अनुमान के मुताबिक, बचत खाते पर कम अवधि में ब्याज भुगतान करने से बैंकों पर 500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ सकता है। इससे पहले बैंक बचत खाते पर 3.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देते थे। ब्याज का भुगतान प्रत्येक माह की 10 तारीख से लेकर अंतिम तिथि के बीच सबसे कम जमा राशि के आधार पर किया जाता था।

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