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Hindi News पैसा बिज़नेस पाकिस्तान FATF की 'ग्रे सूची' में रहेगा बरकरार, आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन ना लेने की मिली सजा

पाकिस्तान FATF की 'ग्रे सूची' में रहेगा बरकरार, आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन ना लेने की मिली सजा

प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई योजना को लेकर एफएटीएफ चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंक वित्त पोषण के खिलाफ की जाने वाली जांच प्रदर्शित हो और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी नेताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कर्रवाई की जाए।

पाकिस्तान FATF की 'ग्रे सूची' में रहेगा बरकरार, आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाना होगा कड़ा कदम- India TV Paisa Image Source : AP पाकिस्तान FATF की 'ग्रे सूची' में रहेगा बरकरार, आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाना होगा कड़ा कदम

नई दिल्ली: आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाले निकाय वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान अभी उसकी 'ग्रे (संदिग्ध) सूची' में ही बरकरार रहेगा क्योंकि उसे यह दर्शाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों जैसे हाफिज सईद और मसूदद अजहर और उनके नेतृत्व वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सईद और अजहर भारत के वांछितों की सूची में भी हैं। 

एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि संगठन के ऑनलाइन पूर्ण अधिवेशन के समापन पर यह निर्णय लिया गया। प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई योजना को लेकर एफएटीएफ चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंक वित्त पोषण के खिलाफ की जाने वाली जांच प्रदर्शित हो और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी नेताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कर्रवाई की जाए। प्लेयर ने पेरिस से ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बरकरार रहेगा।

क्या है एफएटीएफ?

एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टैरर फंडिंग जैसे वित्तीय मामलों में दखल देते हुए तमाम देशों के लिए गाइडलाइन तय करती है और यह तय करती है कि वित्तीय अपराधों को बढ़ावा देने वाले देशों पर लगाम कसी जा सके।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति है बेहद खराब

बता दें कि, पाकिस्तान में महंगाई से लोग बुरी तरह से परेशान हैं। देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब नजर आ रही है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान इस समय सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबारों में से एक 'द न्यूज इंटरनेशनल' के अनुसार देश एक गहरे वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार को देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2021 से 2023 तक 51.6 बिलियन डॉलर की जरूरत है।

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