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Hindi News पैसा बिज़नेस NPA के रिकॉर्ड स्‍तर को देखते हुए संसदीय समिति डिफॉल्टरों का नाम सार्वजनिक करने के पक्ष में

NPA के रिकॉर्ड स्‍तर को देखते हुए संसदीय समिति डिफॉल्टरों का नाम सार्वजनिक करने के पक्ष में

NPA के रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंचने के बाद एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक लोन नहीं चुकाने वाले का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।

NPA के रिकॉर्ड स्‍तर को देखते हुए संसदीय समिति डिफॉल्टरों का नाम सार्वजनिक करने के पक्ष में- India TV Paisa NPA के रिकॉर्ड स्‍तर को देखते हुए संसदीय समिति डिफॉल्टरों का नाम सार्वजनिक करने के पक्ष में

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) 6.8 लाख करोड़ रुपए के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाले कॉरपोरेट घरानों का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।

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  • संसद की लोक लेखा समिति (PAC) के प्रमुख केवी थॉमस ने उम्मीद जताई कि ऐसी कंपनियों का नाम सार्वजनिक करने से वित्तीय संस्थानों को अपना पैसा वापस पाने में मदद मिलेगी।
  • थॉमस ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 6.8 लाख करोड़ रुपए के फंसे कर्ज में से 70 प्रतिशत राशि बड़े कॉरपोरेट घरानों पर बकाया है।
  • जबकि इसमें से मुश्किल से एक प्रतिशत कर्ज ही किसानों को दिया गया कर्ज है।

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  • थॉमस ने कहा, यदि किसी किसान या छोटे व्यापारी पर कर्ज बकाया रह जाता है तो बैंक सख्ती से कार्रवाई करते हैं।
  • यहां तक कि उनके नाम और तस्वीर भी अखबार में छपवा दी जाती है।
  • लेकिन जब कॉरपोरेट घरानों की बात आती है तो उनके नाम का खुलासा नहीं किया जाता।
  • उन्होंने कहा कि जिन पर बैंकों का काफी कर्ज बकाया है।
  • हमारा इरादा ऐसे बड़े डिफॉल्टर का नाम उस रिपोर्ट में शामिल करने का है जो रिपोर्ट बजट सत्र के समापन से पहले लोकसभा को सौंपी जानी है।
  • बजट सत्र का दूसरा चरण 9 मार्च से शुरू हो रहा है। यह पांच सप्ताह तक चलेगा।

थॉमस ने कहा कि

PAC ने स्वत: आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के डूबे कर्ज के मामले को देखने का फैसला किया क्योंकि यह लगातार बढ़ रहा है और इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इस मुद्दे पर हमने कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों मसलन इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों से मुलाकात की है। हमारी अन्य सीएमडी से भी मुलाकात की योजना है।

इतना है बैंकों का NPA

  • वित्त मंत्रालय के आंंकड़ों के अनुसार देश के सबसे बड़े बैंक SBI का NPA 97,356 करोड़ रुपए है।
  • पंजाब नेशनल बैंक का NPA 54,640 करोड़ रुपए और बैंक आफ इंडिया का 44,040 करोड़ रुपए है।
  • इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा का NPA 35,467 करोड़ रुपए, केनरा बैंक का 31,466 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक का 31,073 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 27,891 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक का 25,973 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 25,718 करोड़ रुपए, इलाहाबाद बैंक का 18,852 करोड़ रुपए और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का 18,383 करोड़ रुपए है।
  • थॉमस ने कहा बैंकों ने समिति को बताया है कि इन बड़े कार्पोरेट घरानों ने नागरिक उड्डयन, ऊर्जा और सड़क निर्माण जैसे बुनियादी ढांचा क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं के लिये कर्ज लिया था।
  • उन्होंने कहा, बैंकों को यह जवाब देने की जरूरत है कि इतनी बड़ी राशि कर्ज देने से पहले उन्होंने इन कंपनियों से गारंटी के रूप में क्या लिया है। कर्ज वसूली के लिए उन्होंने क्या कदम उठाया है।
  • फंसे कर्ज की बढ़ती राशि से हम चिंतित हैं। हम NPA पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट संसद को सौंपने जा रहे हैं।
  • यह रिपोर्ट बजट सत्र की समाप्ति से पहले सौंपी जा सकती है।

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