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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी ने दिया 5 आई का मंत्र, फि‍र से तेज विकास के लिए बताया इसे बहुत जरूरी

भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी ने दिया 5 आई का मंत्र, फि‍र से तेज विकास के लिए बताया इसे बहुत जरूरी

अब जरूरत है कि देश में ऐसे उत्पाद बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर दि वर्ल्ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं?

PM Modi says 5I formula is important to speed up India's development- India TV Paisa Image Source : ANI PM Modi says 5I formula is important to speed up India's development

नई दिल्‍ली। भारतीय उद्योग परिसंघ के 125वें वार्षिक सत्र में उद्योग जगत को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत ज़रूरी हैं। ये 5 चीज हैं इंटेट, इनक्‍लूजन, इनवेस्‍टमेंट, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और इन्‍नोवेशन। उन्‍होंने कहा कि हाल में जो कठोर फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक देखने को मिल जाएगी।  

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए सुधार कोई रैंडम या अलग से लिया गया निर्णय नहीं हैं। हमारे लिए सुधार, सिस्‍टेमिक, प्‍लांड, इंटीग्रेटेड, इंटर-कनेक्‍टेड और फ्यूचरिस्टिक प्रोसेस है। हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है फैसले लेने का साहस करना, और उन्हें सही परिणाम तक ले जाना।

सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं कृषि सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था। आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि हम और ज्यादा मजबूत होकर दुनिया को एम्‍ब्रेस करेंगे। आत्मनिर्भर भारत विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के साथ पूरी तरह एकीकृत भी होगा और समर्थक भी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अब एक ऐसी मजबूत लोकल सप्‍लाई चेन के निर्माण में निवेश करना है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी को मजबूत करे।

इस अभियान में, मैं CII जैसी दिग्गज संस्था को भी कोरोना के बाद नई भूमिका में आगे आना होगा। हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। अब जरूरत है कि देश में ऐसे उत्‍पाद बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर दि वर्ल्‍ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में उत्‍पादन बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे। अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म भी किए जा रहे हैं। जिन गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है:

सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उससे हमारा माइनिंग सेक्‍टर हो, एनर्जी सेक्‍टर हो, या रिसर्च और टेक्‍नोलॉजी हो, हर क्षेत्र में इंडस्ट्री को भी अवसर मिलेंगे, और युवाओं  के लिए भी नए अवसर खुलेंगे। इस सबसे भी आगे बढ़कर, अब देश के रणनीतिक क्षेत्रों में भी प्राइवेट सेक्‍टर की भागीदारी एक वास्‍तविकता बन रही है। आप चाहे स्‍पेस सेक्‍टर में निवेश करना चाहें, एटोमिक एनर्जी में नए अवसर तलाशना चाहें, संभावनाएं आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई हैं।

MSMEs की Definition स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के Grow कर पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी। गेटिंग ग्रोथ बैक इतना मुश्किल भी नहीं है। और सबसे बड़ी बात कि अब आपके पास, भारतीय उद्योग के पास, एक स्‍पष्‍ट योजना है और वह है आत्मनिर्भर भारत का रास्ता।

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