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अपने कारोबारी संबंधों को रफ्तार देने के लिए CPEC में सहयोगी बनना चाहता है ब्रिटेन

Brexit के बाद अपने कारोबारी संबंधों को गति देने के लिहाज से ब्रिटिश सरकार की नजर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में सहयोगी बनने पर है।

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लंदन। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर (Brexit) होने के बाद अपने कारोबारी संबंधों को गति देने के लिहाज से ब्रिटिश सरकार की नजर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में सहयोगी बनने पर है। इसके अलावा वह इस परियोजना में ब्रिटिश कारोबारी हितों को सुरक्षित रखने के लिए भी काम कर रही है।

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ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स ने इस सप्ताह की शुरुआत में यहां के शीर्ष कारोबारी, नीति विशेषज्ञ और चीन और पाकिस्तान सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ एक गोलमेज बैठक की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनने को तत्पर है। बयान में कहा गया है कि इस संबंध में ब्रिटेन मई में इस्लामाबाद में एक महत्वपूर्ण बैठक करेगा।

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गौरतलब है कि 46 अरब डॉलर की CPEC पीओके से गुजर रहा है। भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताता रहा है। सीपीईसी परियोजना के तहत चीन के अल्पविकसित पश्चिमी क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान के अरब सागर से जुड़े ग्वादर बंदरगाह को सड़कों, रेलवे, व्यावसायिक पट्टियों, ऊर्जा योजनाओं और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के मिश्रित नेटवर्क से जोड़ा जाना है।

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