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किसानों से 300 लाख टन चावल खरीदेगी सरकार, प्राइवेट कंपनियों को खरीद की छूट

सरकार ने खरीफ सीजन 2015-16 के लिए 300 लाख टन चावल खरीद (धान) का लक्ष्य रखा है। जिसमें से 69 लाख टन की खरीद पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से की जाएगी।

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नई दिल्ली। सरकार ने खरीफ सीजन 2015-16 के लिए 300 लाख टन चावल खरीद (धान) का लक्ष्य रखा है। जिसमें से 69 लाख टन की खरीद पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से की जाएगी। सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने प्राइवेट कंपनियों को खरीफ फसलों के चालू मार्केटिंग सीजन में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों से 10 लाख टन चावल खरीद की छूट देने का फैसला किया है। खरीफ के चावल की खरीद इस महीने शुरू हो गई है। एफसीआई खाद्यान्नों की खरीद और वितरण करने वाली प्रमुख एजेंसी है।

पूर्व खाद्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की अगुवाई वाले एफसीआई पुनर्गठन समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के बाद सरकार की खरीद नीति में निजी क्षेत्र को भी साथ लिया जा रहा है। इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि सरकार को केन्द्र की मूल्य समर्थन प्रणाली का लाभ पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को सुनिश्चित करने के लिए वहां के राज्यों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

पूर्वोत्तर राज्यों से 10 लाख टन चावल खरीदेगी प्राइवेट कंपनियां

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफसीआई ने खरीफ सीजन 2015-16 में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 69 लाख टन का चावल खरीद लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से निजी कंपनियों को 9.95 लाख टन की खरीद करने की अनुमति दी जाएगी।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि एफसीआई, चार राज्यों में चावल खरीद के लिए निजी कंपनियों के नामों की छंटनी करने की प्रक्रिया में है। हालांकि बिहार में निजी खरीद के लिए टेंडर चुनावों के बाद जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 27.50 लाख टन चावल खरीद के लक्ष्य में निजी कंपनियों को 3.5 लाख टन की खरीद करने की अनुमति दी जाएगी।

पूर्वोत्तर राज्यों में खरीद और भंडार का कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर है और पारंपरिक रूप से एफसीआई के खरीद कार्यक्रम में खास स्थान नहीं बना पाता है। ऐसे में उन प्रदेशों के किसानों को कई बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे के भाव पर धान बेचने को को विवश होना पड़ता है।

सरकार ने खरीफ सीजन 2015-16 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,410 रुपए प्रति क्विंटल (कॉमन ग्रेड) और 1,450 रुपए प्रति क्विंटल (ए ग्रेड) निर्धारित किया है। देश के कुल चावल उत्पादन में पांच पूर्वोत्तर राज्यों का योगदान करीब 40 फीसदी का है लेकिन अब तक उन क्षेत्रों से सरकारी खरीद न के बराबर होती रही है।

चावल उत्पादन 25 लाख टन घटने का अनुमान

सरकार के पहले अनुमान के अनुसार कमजोर मानसून के कारण खरीफ सीजन 2015-16 में धान का उत्पादन घटकर 9.61 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जबकि, पिछले खरीफ सीजन में 9.86 करोड़ टन धान उत्पादन हुआ था।

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