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Hindi News पैसा बिज़नेस प्रमुख दरों में कटौती की गुंजाइश लेकिन फैसला महंगाई दर पर निर्भर: आरबीआई गवर्नर

प्रमुख दरों में कटौती की गुंजाइश लेकिन फैसला महंगाई दर पर निर्भर: आरबीआई गवर्नर

एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक के लिए महंगाई दर की लक्ष्य सीमा 2 से 6 फीसदी है।

<p>दरों में कटौती का...- India TV Paisa Image Source : FILE दरों में कटौती का फैसला महंगाई दर पर निर्भर

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश है लेकिन इस दिशा में आगे कदम महंगाई दर पर उभरती स्थिति पर निर्भर करेगा जो फिलहाल केंद्रीय बैंक के लक्ष्य स्तर से ऊपर चल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के जारी ब्योरे के अनुसार बैठक में गवर्नर ने कहा, ‘‘मेरा यह मानना है कि अगर मुद्रास्फीति हमारी उम्मीदों के अनुरूप रहती हैं, तो भविष्य में नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश होगी। इस गुंजाइश का उपयोग अर्थव्यवस्था में सुधार को मजबूती देने के लिये सोच-समझकर करने की जरूरत है। ’’

एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। गवर्नर ने कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तीव्र गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों की स्थिति के बारे में संकेत देने वाले महत्वपूर्ण आंकड़ें (पीएमआई, निर्यात, बिजली खपत आदि) स्थिति में सुधार का इशारा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कुछ अनिश्चितताएं भी हैं, जो शुरूआती रिकवरी को रोक सकती हैं। उसमें मुख्य रूप से कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी की आशंका है। घरेलू वित्तीय स्थिति में सुधार के बावजूद निजी निवेश गतिविधियां नरम रह सकती हैं।’’

आरबीआई के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका है। अगले साल इसमें मजबूत रिकवरी की उम्मीद है। गवर्नर ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति परिदृश्य की बात की जाए तो खरीफ फसल और रबी मौसम बेहतर रहने से आने वाले समय में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नरम रहनी चाहिए।’’ रिजर्व बैंक के अनुसार सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम रहेगी। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें और कमी आने का अनुमान है। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।

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