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RBI ने रिवर्स रेपो रेट 4 से घटाकर की 3.75 प्रतिशत, गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को रखा यथावत

बैंकों द्वारा अपने धन को रिजर्व बैंक के पास रखने और रिजर्व बैंक द्वारा इस जमा धन पर दिए जाने वाले ब्याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।

RBI Governor Shaktikanta Das announce Reverse repo rate cut to 3.75 percent from 4pc- India TV Paisa RBI Governor Shaktikanta Das announce Reverse repo rate cut to 3.75 percent from 4pc

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में लॉकडाउन 2.0 के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को राहत पैकेज 2.0 की घोषणा की। महामारी से उत्‍पन्‍न आर्थिक संकट को कम करने के लिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को वित्‍तीय क्षेत्र में तरलबा बढ़ाने के लिए कुछ और उपायों की घोषणा की। शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में और 25 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की, हालांकि रेपो रेट को यथावत रखा गया है। ताजा कटौती के बाद रिवर्स रेपो रेट 4 प्रतिशत से घटकर 3.75 प्रतिशत हो गई है। 

 उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के कदमों से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार आया है, यह बढ़ी है। प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखने,  बैंक ऋण प्रवाह को आसान बनाने, वित्तीय दबाव को कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा की गई है। 50,000 करोड़ रुपए की राशि के साथ एलटीआरओ-2.0 शुरू होगा। नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी जैसे वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता उपलबध कराई जाएगी।

बैंकों द्वारा अपने धन को रिजर्व बैंक के पास रखने और रिजर्व बैंक द्वारा इस जमा धन पर दिए जाने वाले ब्‍याज दर को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।  इससे पहले आरबीआई ने 27 मार्च को रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती और रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंकों की कटौती की थी। इस कटौती के बाद रेपो रेट 4.4 प्रतिशत औररिवर्स रेपो रेट 4 प्रतिशत हो गई थी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई बराबर नजर रखे हुए है। उन्‍होंने कहा कि महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है। आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फरवरी के आईआईपी आंकड़ों में कोविड-19 के प्रभाव समाहित नहीं हैं।  मार्च में ऑटोमोबाइल उत्पादन, बिक्री में तेज गिरावट, बिजली मांग भी तेजी से घटी है।  मार्च में निर्यात 34.6 प्रतिशत घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक है।

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