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खुदरा महंगाई दर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची, खाद्य कीमतों में बढ़त का असर

खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही। सबसे ज्यादा तेजी तेल, फल दलहन की कीमतों में देखने को मिली है।

<p><span lang="HI" style="font-size: 14pt; line-height:...- India TV Paisa Image Source : PTI खुदरा महंगाई दर छह महीने के उच्चतम स्तर पर 

नई दिल्ली। खाद्य तेल, फल, अंडा जैसे खाद्य पदार्थ के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 6.3 प्रतिशत पहुंच गयी। महंगाई की यह दर भारतीय रिजर्व बैंक के लिए सहज स्तर से ऊंची है। ऐसे में निकट भविष्य में नीतिगत दर में कटौती मुश्किल है । आरबीआई मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।

सोमवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.23 प्रतिशत थी जो मई में बढ़कर छह महीने के उच्च स्तर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने के 1.96 प्रतिशत से कहीं अधिक है। इससे पहले, नवंबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति की उच्चतम दर 6.93 प्रतिशत रही थी। मई 2020 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 3.7 प्रतिशत थी। जबकि अप्रैल 2021 में यह दहाई अंक 10.49 प्रतिशत पहुंच गयी।

आंकड़े के अनुसार खुदरा महंगाई दर में तेल और वसा खंड में सर्वाधिक तेजी से मूल्य वृद्धि हुई और सालाना आधार पर यह बढ़कर 30.84 प्रतिशत पहुंच गयी। मांस और मछली, अंडा, फल तथा दलहन एवं उसके उत्पादों के मूल्य में वार्षिक आधार पर क्रमश: 9.03 प्रतिशत, 15.16 प्रतिशत, 11.89 प्रतिशत और 9.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ईंधन और बिजली की श्रेणी में महंगाई दर बढ़कर 11.58 प्रतिशत पहुंच गयी है। खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में इक्रा लि.की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि महंगाई दर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। अप्रैल के मुकाबले इसमें 2.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये औसत खुदरा महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाकर कम-से-कम 5.4 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि हमारा मानना है कि आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर अनिश्चितताओं को देखते हुए अगर महंगाई दर 5.5 से 6 प्रतिशत के बीच भी रहती है तो मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सहनशीलता दिखाएगी। 

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