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आवास सचिव की राज्यों को सलाह, मांग बढ़ाने के लिए संपत्ति के पंजीकरण पर घटाएं स्टाम्प शुल्क

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। इस दौरान घरों की बिक्री का आंकड़ा घटकर 35,132 इकाई रह गया।

<p>आवास सचिव की राज्यों...- India TV Paisa Image Source : INDIAN PROPERTY MARKET आवास सचिव की राज्यों को मांग बढ़ाने के लिए स्टाम्प शुल्क घटाने की सलाह

नई दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्यों को संपत्ति के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क में कटौती की सलाह दी है। सचिव ने बुधवार को कहा कि राज्यों द्वारा ऐसा करने से रीयल एस्टेट की कुल लागत घटेगी और घरों की बिक्री बढ़ेगी। क्रेडाई द्वारा नांगिया एंडरसन इंडिया के सहयोग से आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि सरकार ने पिछले छह साल के दौरान इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए रियल्टी कानून रेरा जैसे कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने इस क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सचिव ने कहा, ‘‘पिछले छह साल और साथ ही लॉकडाउन के दौरान उठाए गए कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र में संपत्ति का पंजीकरण सुधरा है और यह कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्टाम्प शुल्क कटौती का अच्छा फैसला लिया है और कई बिल्डरों ने इस कटौती का लाभ घर खरीदारों को दिया है। मिश्रा ने बताया, ‘‘हमने इस बारे में सभी राज्यों को पत्र लिखा है। मैं विभिन्न प्रमुख सचिवों ओर राज्यों के सचिवों के साथ संपर्क में हूं। मैं चाहता हूं कि वे भी इस तरह का कदम उठाएं जिससे लागत में कटौती होगी।’’ सचिव ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार सृजन में बड़ा योगदान है। मिश्रा ने बिल्डरों से कहा कि वे महामारी के इस समय में पुनरावलोकन करें और यह देखें कि लागत को कैसे घटाया जा सकता है। कैसे सतत और समावेशी विकास के लिए नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

बुधवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। इस दौरान घरों की बिक्री का आंकड़ा घटकर 35,132 इकाई रह गया। जुलाई-सितंबर, 2019 के दौरान आठ प्रमुख शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 81,886 इकाई रही थी। रीयल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बिक्री में गिरावट से पहले से ही दवाब में चल रहे रियल्टी सेक्टर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार पहले ही डेवलपर्स को सलाह दे चुकी हैं कि वो मुनाफे से ज्यादा बिक्री बढ़ाने पर फोकस करे जिससे उन्हें जरूरी नकदी मिल सके। 

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