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Hindi News पैसा बिज़नेस पशुपालकों की AHIDF स्कीम को मिला नया रूप, 3% की ब्याज छूट, दूध उत्पादकों को होगा फायदा

पशुपालकों की AHIDF स्कीम को मिला नया रूप, 3% की ब्याज छूट, दूध उत्पादकों को होगा फायदा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में 29,610 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी। अब, डेयरी सहकारी समितियां एएचआईडीएफ के तहत तीन प्रतिशत की ब्याज छूट का लाभ उठा पाएंगी।

पशुपालन अवसंरचना...- India TV Paisa Image Source : FREEPIK पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बुधवार को पुनर्गठित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) योजना शुरू की। उन्होंने इंडस्ट्री के साथ सहकारी समितियों से इसका लाभ उठाने के लिए कहा है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, रूपाला ने एएचआईडीएफ से संबंधित एक ‘रेडियो जिंगल’ भी जारी किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना कोविड काल के दौरान शुरू की गई थी, जो पूरे देश के लिए मुश्किल दौर था। लेकिन अब इस योजना को नया रूप दिया गया है और इसे अगले तीन वर्षों के लिए लागू किया जाएगा।

3% की ब्याज छूट

उन्होंने कहा कि उद्योगों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और डेयरी सहकारी समितियों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में 29,610 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा, "अब, डेयरी सहकारी समितियां एएचआईडीएफ के तहत तीन प्रतिशत की ब्याज छूट का लाभ उठा पाएंगी।"

दूध उत्पादकों को होगा फायदा

डेयरी सहकारी समितियों को एएचआईडीएफ के क्रेडिट गारंटी कोष के तहत क्रेडिट गारंटी सहायता भी मिलेगी। बयान के मुताबिक, यह योजना डेयरी सहकारी समितियों को आधुनिक प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के साथ अपने प्रसंस्करण ढांचे को उन्नत बनाने में मदद करेगी जिससे देश में बड़ी संख्या में दूध उत्पादकों को लाभ होगा।

ये हैं योजना के प्रमुख उद्देश्य

क) दूध और मांस प्रसंस्करण क्षमता और उत्पाद विविधीकरण को बढ़ाने में मदद करके असंगठित ग्रामीण दूध और मांस उत्पादकों को संगठित दूध और मांस बाजार तक अधिक से अधिक पहुंच प्रदान करना।
ख) उत्पादक के लिए बढ़ी हुई कीमत उपलब्ध कराना।
ग) घरेलू उपभोक्ता के लिए गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस उत्पाद उपलब्ध कराना।
घ) देश की बढ़ती आबादी की प्रोटीनयुक्त गुणवत्तापूर्ण भोजन की आवश्यकता को पूरा करना और दुनिया में कुपोषित बच्चों की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक में कुपोषण को रोकना।
ङ) उद्यमिता विकसित करना और रोज़गार सृजित करना।
च) निर्यात को बढ़ावा देना और दूध तथा मांस के क्षेत्र में निर्यात के योगदान को बढ़ाना।
छ) किफ़ायती मूल्य पर संतुलित राशन प्रदान करने के लिए गोपशु, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर और कुक्कुट को गुणवत्ता केंद्रित पशु चारा उपलब्ध कराना।

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