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Hindi News पैसा बिज़नेस अमेजन ने रिलायंस पर लगाया ‘धोखाधड़ी’ का आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

अमेजन ने रिलायंस पर लगाया ‘धोखाधड़ी’ का आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

पिछले महीने रिलायंस रिटेल ने ऐसे स्टोर्स का कब्जा ले लिया था जिनका किराया फ्यूचर समूह नहीं चुका पा रहा था।

<p>reliance store </p>- India TV Paisa Image Source : FILE reliance store 

Highlights

  • पिछले महीने रिलायंस रिटेल ने कुछ स्टोर्स का कब्जा लिया था
  • जिन स्टोर्स पर कब्जा लिया है उनके पट्टे समाप्त हो गए थे
  • अमेजन ने स्टोर्स पर कब्जे को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही

नई दिल्ली। उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा कुछ दिन पहले फ्यूचर समूह के कुछ स्टोर्स पर कब्जा करने के बाद अमेजन डॉट कॉम इंक ने मंगलवार को दोनों कंपनियों पर ‘धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया और कहा कि इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि रिलायंस समूह ने फ्यूचर समूह के जिन स्टोर्स पर कब्जा लिया है उनके पट्टे किराए का भुगतान नहीं करने के कारण समाप्त हो गए थे। 

रिलायंस ने फ्यूचर स्टोर्स पर कब्जा लेना शुरू किया 

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए अगस्त, 2020 में 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की सहमति दी थी, लेकिन फ्यूचर समूह के साझेदार अमेजन ने कुछ अनुबंधों के उल्लंघन का हवाला देकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जिसके कारण यह सौदा पूरा नहीं हो पाया है। रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को दिए उन 947 स्टोर्स की सब-लीज (उप-पट्टे) समाप्त कर दी थी जिन्हें उसने पहले अपने अधिकार में लिया था। पिछले महीने रिलायंस रिटेल ने ऐसे स्टोर्स का कब्जा ले लिया था जिनका किराया फ्यूचर समूह नहीं चुका पा रहा था। 

झूठे बयान जानबूझकर दिए गए 

ये स्टोर फ्यूचर समूह को परिचालन के लिए किराये पर दिए गए थे। अमेजन ने अखबारों में ‘सार्वजनिक नोटिस’ के नाम से एक विज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि इन गतिविधियों को भारत में धोखाधड़ी करके एक गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया है। उसने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष यह गलतबयानी करने का आरोप लगाया कि खुदरा संपत्ति फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के पास ही रहेगी जब तक कि रिलायंस सौदे को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है। अमेजन ने कहा, ये झूठे बयान जानबूझकर दिए गए थे क्योंकि एफआरएल खुदरा संपत्ति को मुकेश धीरूभाई अंबानी (एमडीए) समूह को कथित तौर पर सौंपने की अनुमति देने के कगार पर था।

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