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Hindi News पैसा बिज़नेस इस सरकारी बैंक पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लगाई ₹564 करोड़ की पेनाल्टी, जानें क्या है मामला

इस सरकारी बैंक पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लगाई ₹564 करोड़ की पेनाल्टी, जानें क्या है मामला

बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा कि उसके पास इस मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक ने कहा कि इसलिए उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी।

बीएसई पर बैंक ऑफ इंडिया के शेयर 137 रुपये पर हैं।- India TV Paisa Image Source : FILE बीएसई पर बैंक ऑफ इंडिया के शेयर 137 रुपये पर हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने  564.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक ने बीते गुरुवार को कहा कि इस आदेश के खिलाफ आयकर आयुक्त, राष्ट्रीय फेसलेस अपील केंद्र (एनएफएसी) के समक्ष अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। भाषा की खबर के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसे आयकर विभाग, आकलन इकाई से आकलन वर्ष 2018-19 से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 270ए के तहत आदेश मिला है।

बैंक को उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी

खबर के मुताबिक, अपीलीय प्राधिकारियों की प्राथमिकता/आदेशों को देखते हुए बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा कि उसके पास इस मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक ने कहा कि इसलिए उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी। ऐसे में बैंक की वित्तीय, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बीएसई पर बैंक ऑफ इंडिया के शेयर पिछले बंद के मुकाबले 3.79 फीसदी ऊपर 137 रुपये पर बंद हुए।

इन बैंकों पर भी लगा था जुर्माना

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले, बैंक ऑफ इंडिया पर ब्याज दरों, ग्राहक सेवा और क्रेडिट सूचना कंपनी नियम, 2006 के प्रावधानों पर आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 1.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। बंधन बैंक और इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड पर भी हाल ही में जुर्माना लगाया गया था। कुछ निर्देशों का पालन न करने पर बंधन बैंक पर 29.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड ने 'एनबीएफसी (रिज़र्व बैंक) दिशा-निर्देश, 2016 में धोखाधड़ी की निगरानी' के साथ-साथ केवाईसी प्रावधानों का अनुपालन न करने पर 13.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

ये जुर्माना बैंकों की वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए आरबीआई द्वारा किए गए वैधानिक निरीक्षण के बाद लगाया गया था। यह समझना आवश्यक है कि ये दंड नियामक अनुपालन मामलों से संबंधित हैं और किसी भी ग्राहक लेनदेन या समझौते की वैधता पर संदेह नहीं करते हैं।

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