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Hindi News पैसा बिज़नेस बढ़ती महंगाई से बिगड़ा घरों का बजट, जरूरी खर्चों में कटौती करने को मजबूर हुए लोग

बढ़ती महंगाई से बिगड़ा घरों का बजट, जरूरी खर्चों में कटौती करने को मजबूर हुए लोग

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजार में सब्जी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि लोग महंगी सब्जियां खरीदने से कतरा रहे हैं। इसके चलते बिक्री घटी है। मैं पहले रोजाना 1500 रुपये तक कमा लेती थी लेकिन अब 1000 रुपये से भी नीचे आ गई है।

<p>Inflation </p>- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Inflation 

Highlights

  • रसोई गैस के एक सिलिंडर की कीमत लगभग एक हजार रुपये है
  • पेट्रोल भी 100 रुपये के पार है देश के अधिकांश राज्यों में
  • सब्जियों से लेकर खाने के तल ने घरों के बजट पर बोझ बढ़ाया है

नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों से आवश्यक वस्तुओं और ईंधन के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि के कारण के आम लोगों के घर का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। इससे समाज का लगभग हर वर्ग इससे परेशानी महसूस कर रहा है। जहां एक ओर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं पिछले एक महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपए प्रति लीटर तक वृद्धि हुई है। इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में रसोई गैस सहित अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।  इसके चलते लोग जरूरी खर्चो में कटौती को मजबूर हो रहे हैं।

ईंधन की कीमतों का सबसे अधिक असर 

पंजाब के फगवाड़ा में रहने वाली एक गृहिणी अनुदीप कौर गोराया ने कहा, ईंधन की कीमतों में प्रतिदिन की वृद्धि ने हमारे रोज़मर्रा के जीवन को मुश्किल बना दिया है। रसोई गैस के एक सिलिंडर की कीमत लगभग एक हजार रुपये है और फल, सब्ज़ियों, खाना पकाने वाले तेल समेत कई वस्तुओं की कीमतों में भी तेज़ी से वृद्धि हुई है। भोपाल के एक दूध विक्रेता कल्लू राम (50) ने कहा कि कीमतों में वृद्धि से उनकी बचत पर सेंध लगी है। उन्होंने कहा मैं अपने ग्राहकों को बाइक से दूध पहुंचाने जाता हूं। कुछ महीने पहले मैं पेट्रोल पर केवल 100 रुपए प्रतिदिन खर्च करता था, जबकि आज यह खर्च बढ़ कर 160 रुपए प्रतिदिन तक पहुंच गया है। चंडीगढ़ के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी बलदेव चंद ने कहा कि महंगाई ने उनके घर के बजट को बहुत प्रभावित किया है। मेरी पेंशन एक अच्छा हिस्सा पहले ही मेरी और मेरी पत्नी द्वारा ली जाने वाली दवाईयों पर खर्च हो रहा था। आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने हमें सभी गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।

महंगाई से बिक्री और कमाई दोनों घटी 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजार में सब्जी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से ग्राहक और विक्रेता दोनों प्रभावित हुए हैं। कामिनी ने कहा पहले मैं रोज़ाना 1500 रुपये तक कमा लेती थी लेकिन अब आमदनी 1000 रुपये से भी नीचे आ गई है। लोग महंगी सब्जि़यां खरीदने से कतरा रहे हैं। 

होटल और रेस्टोरेंट को भी झटका 

कोविड-19 महामारी के कारण घाटे में चल रहे होटल और रेस्तरां मालिकों का कहना है कि गैस सिलिंडर और अन्य वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि ने कोविड महामारी के बाद व्यापार को एक ओर झटका दिया है। होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुदेश कुमार पोद्दर का कहना है एलपीजी के वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों के साथ-साथ सभी आवश्यक वस्तुओं की कुल दरों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। ग्राहकों को खोने के डर से रेस्टोरेंट अपनी वस्तुओं के दाम बढ़ाने में असमर्थ हैं, लेकिन खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। 

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