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Hindi News पैसा बिज़नेस महंगाई पर सरकार का बड़ा हमला, बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगाई रोक

महंगाई पर सरकार का बड़ा हमला, बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगाई रोक

Wheat Flour Exports Ban: सरकार ने बढ़ती कीमतों (Rate) पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं का आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर रोक लगा दी है।

आटा, मैदा और सूजी के...- India TV Paisa Image Source : FILE आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगाई रोक

Wheat Flour Exports Ban: सरकार ने बढ़ती कीमतों (Rate) पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं का आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर रोक लगा दी है। बता दें, इससे पहले मई में सरकार ने गेहूं (Wheat) के निर्यात पर भी रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कहा है कि भारत सरकार की अनुमति पर कुछ वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।

आटे के निर्यात पर भी लग चुकी है रोक

DGFT के मुताबिक, सरकार ने देश में बढती महंगाई को काबू में करने के लिए ऐसा फैसला लिया है। इससे पहले 25 अगस्त को सरकार ने कमोडिटी की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जो आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गेहूं या मेसलिन के आटे को निर्यात प्रतिबंध/प्रतिबंध से छूट की नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"

रूस-यूक्रेन वार के चलते भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी

रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक देश हैं, जो वैश्विक गेहूं व्यापार के लगभग एक-चौथाई के लिए जिम्मेदार हैं। दोनों देशों के बीच युद्ध ने वैश्विक गेहूं आपूर्ति में व्यवधान पैदा किया है, जिससे भारतीय गेहूं की मांग बढ़ गई है, जिसका असर भारत के घरेलू बाजार पर देखने को मिल रहा है। यहां गेहूं की कीमतो में वृद्धि देखी गई है। देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने मई महीने में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, जिससे गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया था।

गेहूं के निर्यात में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

भारत से गेहूं के आटे के निर्यात ने अप्रैल-जुलाई 2022 के दौरान 2021 की इसी अवधि की तुलना में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। विदेशों में गेहूं के आटे की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बाजार में वस्तु की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

घरेलू बाजार में गेहूं के दाम में आई वृद्धि

2021-22 में भारत ने 246 मिलियन US डॉलर के गेहूं के आटे का निर्यात किया था। इस वित्त वर्ष में सिर्फ अप्रैल-जून के दौरान निर्यात लगभग 128 मिलियन US डॉलर के पार पहुंच गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा बनाए गए आंकड़ों के अनुसार, गेहूं का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 22 अगस्त को 22 प्रतिशत बढ़कर 31.04 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 25.41 रुपये प्रति किलोग्राम था। इस समय गेहूं के आटे (आटा) का औसत खुदरा मूल्य 17 प्रतिशत बढ़कर 35.17 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।

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